Varanasi Hindu Organization Hanuman sena oppose azan by loudspeeker: मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद बढ़ रहा है. वाराणसी में हिंदू संगठनों ने तेज आवाज वाले लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया है. प्रशासन ने जांच की तो पाया कि कई लाउडस्पीकर पहले ही हटाए जा चुके हैं.
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नई दिल्ली: देश भर में मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद काफी दिनों से हो रहा है. इस विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी लेकिन ताज़ा मामला वाराणसी का है, जहाँ लाउडस्पीकर को विवाद गरमा गया है. हिंदू संगठनों ने मस्जिदों से तेज आवाज में अज़ान देने वाले लाउडस्पीकर को उतारने के लिए प्रशासन को सात दिन का अल्टीमेटम दिया है. हनुमान सेना के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने चेतावनी दी है कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो वे शहर में हर घर पर बड़े स्पीकर लगाकर दिनभर हनुमान चालीसा का पाठ बजाएंगे.
हनुमान सेना की इस खुली चेतावनी के बाद प्रशासन ने वाराणसी के दालमंडी में स्थित लंगड़ा हाफिज मस्जिद में होने वाले अजान की जांच पड़ताल शुरू कर दी. इस जांच में ये सामने आया है कि इस मस्जिद से पहले ही कई लाउडस्पीकर उतारे जा चुके थे. वहां पर मौजूद मुस्लिम सुमदाय के लोगों का कहना है कि हिंदू संगठनों के विरोध के बाद प्रशासन ने लाउडस्पीकर उतरवा दिया था. इसके बाद अब अजान बिना लाउडस्पीकर के ही हो रही है. हालांकि उनलोगों का भी ये कहना है कि अजान से हमें सही वक्त का पता चलता है, और इसके कई सारे फायदे है.
सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर
गौरतलब है कि मुंबई और दूसरे राज्यों में जहाँ लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्टों ने ऑर्डर दिए हैं. अदालतों ने साफ तौर पर कहा कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किसी भी धर्म का जरूरी हिस्सा नहीं है. ध्वनि प्रदूषण से नियमों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार चाहे तो साल में 15 दिन मज़हबी या त्योहार के मौके पर रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर या ध्वनि यंत्र बजाने की अनुमति दे सकती है. नियमों की खिलाफ वर्जी करने पर कैद और जुर्माने दोनों सजा का प्रावधान है. नियम का उल्लंघन करने पर 5 साल कैद और 1 साल की सजा भी हो सकती है.
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