Uttar Pradesh News: संभल के हातिम सराय गांव में 80 मकानों पर बुलडोजर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया गया था. तहसील प्रशासन ने संबंधित मकान मालिकों को नोटिस भेजकर 15 दिनों के भीतर मकान खाली करने का आदेश दिया था. इस बीच हाई कोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी है और 4 हफ्तों के भीतर संबंधित घरों के दस्तावेज तहसील प्रशासन के पास जमा कराने को कहा है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के संभल में प्रशासन ने 80 घरों को अवैध बताते हुए बुलडोजर कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया था. कथित अवैध घरों की लिस्ट में संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर भी शामिल है. इसी कड़ी में हाई कोर्ट ने राहत देते हुए 4 हफ्ते के भीतर संबंधित 80 मकानों के दस्तावेज तहसील प्रशासन के सामने पेश करने का आदेश दिया.
दरअसल, संभल जिले के हातिम सराय गांव में संभल प्रशासन ने 80 मकानों को चिंहित करके नोटिस जारी किया था. प्रशासन का दावा है कि चिंहित किए गए 80 मकानों को 8 बीघा सरकारी तालाब की जमीन पर कब्जा करके बनाया गया है. हातिम सराय के तहसील प्रशासन ने चिंहित किए गए मकानों के मालिकों को नोटिस भेजकर जमीन के दस्तावेज जमा करने को कहा था. साथ ही दस्तावेज जमा न करने पर बुलडोजर कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया था. तहसील प्रशासन ने चिंहित किए गए मकानों को 15 दिन के भीतर खाली करने का आदेश दिया था.
तहसील प्रशासन के आदेश के खिलाफ हातिम सराय के लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस बीच हाई कोर्ट ने चार हफ्तों तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है और तहसील प्रशासन के पास दस्तावेज जमा करने को कहा है. हाई कोर्ट के इस फैसले से हातिम सराय गांव के लोगों में खुशी की लहर है. हातिम सराय के लोगों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी दुआ आज कबूल हो गई है. लोगों ने कहा कि जब से संभल प्रशासन की ओर से बुलडोजर कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम दिया गया था, तब से रातों की नींद हराम हो गई थी.
संभल प्रशासन के दावे पर सांसद जिया उर रहमान का कहना है कि प्रशासन का दावा गलत है. संबंधित मकानों को तालाब की जमीन पर नहीं बनाई गई है. सभी मकानों को लोगों ने अपनी निजी कृषि की जमीन पर बनाई थी.