West Bank के जेनिन में हालात गंभीर बने हुए हैं, इस बीच इजराइल ने ऐसी हरकत कर दी है कि उसकी दुनिया भर में आलोचना हो रही है. हैरनी की बात यह है कि अपनी इस तुच्छ हरकत को इजराइल सही बता रहा है.
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West Bank: यूरोपीय यूनियन, अरब और एशियाई देशों के राजनयिकों की एक टीम पर इज़रायली फायरिंग की खबर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हड़कंप मचा दिया है. ये टीम फिलिस्तीन के हिस्से में आने वाले वेस्ट बैंक के जेनिन शेल्टर कैंप का दौरा कर रही थी, जहां पिछले चार महीनों से इज़रायली सेना के जरिए बड़े पैमाने पर मिलिट्री ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
फिलिस्तीनी अथॉरिटी और कई देशों ने पुष्टि की है कि जब ये राजनयिक मानवीय हालात का जायजा लेने आए थे, उसी दौरान इज़रायली सेना ने गोलीबारी की. हालांकि, किसी को चोट नहीं आई, लेकिन यह घटना राजनयिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है.
इज़रायली सेना ने कहा कि उन्होंने चेतावनी के तौर पर फायरिंग की क्योंकि राजनयिकों की टीम तय रूट से हट गई थी और ऐसे इलाके में पहुंच गई थी जहां उन्हें इजाजत नहीं थी. इसके बाद इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि वो संबंधित देशों के प्रतिनिधियों से बात करेंगे और शुरुआती जांच की जानकारी देंगे.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि राजनयिक मीडिया से बात कर रहे थे, तभी गोलियों की आवाज आई और सभी लोग भागकर छिपने लगे. अल जज़ीरा की जांच टीम ने ऐसे वीडियो की पुष्टि की जिसमें दो इज़रायली सैनिक हथियार ताने खड़े दिखे थे. एक एनजीओ कार्यकर्ता ने बताया कि वहां करीब 20 राजनयिकों को ब्रीफिंग दी जा रही थी, तभी यह घटना हुई.
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे जानबूझकर राजनयिकों को निशाना बनाने वाला "जघन्य अपराध" करार दिया.
- तुर्किये ने इस घटना की कड़ी आलोचना की और तत्काल जांच की मांग की है.
- फ्रांस ने इज़रायली राजदूत को तलब किया और इसे अस्वीकार्य बताया.
- आयरलैंड के विदेश मंत्री ने कहा, “मैं स्तब्ध और नाराज़ हूं,” और इसकी कड़े लफ्जों में निंदा करता हूं.
- स्पेन ने भी इज़रायली राजदूत को तलब करते हुए जवाब मांगा है.
- इटली ने कहा कि उनके वाइस काउंसल भी इस टीम में शामिल थे और इज़रायल को स्पष्टीकरण देना होगा.
- यूरोपीय यूनियन की विदेश नीति प्रमुख काजा काल्लास ने कहा कि चेतावनी के तौर पर भी गोली चलाना अस्वीकार्य है.
- जॉर्डन और सऊदी अरब ने भी इज़रायल की इस हरकत की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की.
जेनिन, तुल्करम और नूर शम्स जैसे इलाके इज़रायली सेना के हमलों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, उत्तरी वेस्ट बैंक में लगभग 40,000 फिलीस्तीनी लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं.