West Bank News: वेस्ट बैंक में हालात संजीदा बने हुए हैं. 40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी बेघर हो गए हैं और अवैध तौर पर लोग उनके घर हड़प रहे हैं. आरोप है कि इजराइल सरकार इन इलीगल सेटलर्स की मदद कर रही है.
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West Bank News: दुनिया का ध्यान गाजा पर बना हुआ है, लेकिन उधर वेस्ट बैंक में इजराइली फोर्स का आकार, आवृत्ति और तीव्रता बढ़ती जा रही है. सेना का कहना है कि आतंकवादी खतरे का मुकाबला करने के लिए उन्होंने ऑपरेशन को तेज कर दिया है. युनाइटेड नेशन के ह्यूमेटेरियन ऑफिस इसको लेकर फिक्र का इजहार किया है.
गाज़ा की जंग शुरू होने के बाद, वेस्ट बैंक में जिन फ़लस्तीनियों की मौत हुई है, उनमें ज़्यादातर इज़राइली सेना की छापेमार कार्रवाई के दौरान मारे गए हैं. वहीं, इज़राइल का कहना है कि वो चरमपंथियों को रोकने के लिए कार्रवाई कर रहा है. उसने उन लोगों को टारगेट किया है जो लड़ाकों के तौर पर सामने आए थे, पत्थर और पेट्रोल बम फेंक रहे थे. लेकिन, फ़िलिस्तीनी और मानवाधिकार ग्रुप्स का कहना है कि दर्जनों आम नागरिक भी इस हिंसा की चपेट में आकर मारे गए हैं.
इज़राइल ने वेस्ट बैंक के चार बड़े शरणार्थी कैंपों में बड़ा ऑपरेशन चलाया था, जिसकी वजह से 40,000 लोग अपने घरों से बेघर हो गए. कई लोग पास के गांवों में रिश्तेदारों के पास रह रहे हैं, कुछ किराए के मकानों में जाकर कर्ज़ में डूब रहे हैं. इज़राइली अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों को कम से कम एक साल तक वापस लौटने की इजाज़त नहीं मिलेगी.
सेना ने वहां की सड़कें खोद दी हैं, बुनियादी ढांचा तबाह कर दिया और सैकड़ों घर तोड़ दिए. सेना का दावा है कि वे आतंकियों के ठिकाने तोड़ रहे हैं, लेकिन आम लोगों के घर भी तबाह हो गए हैं. अब सेना ड्रोन हमले जैसी पहले दुर्लभ रणनीति को फिर से अपनाने लगी है. वो भी घने आबादी वाले इलाकों में.
वेस्ट बैंक के छोटे-छोटे गांवों, खासकर बेडौइन समुदाय के इलाकों में, इज़राइली सेटलर हर दिन हमला कर रहे हैं. ये सेटलर आस-पास की पहाड़ियों पर नए अवैध आउटपोस्ट (बस्तियाँ) बना रहे हैं. इज़राइल का कहना है कि वो ऐसे हमलों के खिलाफ हैं और ये केवल कुछ "चरमपंथी सेटलरों" का काम है. लेकिन, फ़लस्तीनियों का कहना है कि सेना उनकी सुरक्षा नहीं करती है और ये सब उन्हें उनकी ज़मीन से भगाने की सोची-समझी साज़िश है.
जब से युद्ध शुरू हुआ है, तब से 80 नई आउटपोस्ट (छोटी अवैध बस्तियाँ) बनाई जा चुकी हैं. मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि ये ही हिंसा की सबसे बड़ी वजह बन रही हैं. इज़राइल की सरकार ने इनमें से कई को आधिकारिक सेटलमेंट का दर्जा भी दे दिया है. युद्ध के दौरान ही सरकार ने 13 नई बस्तियां बसाईं. जिनमें से 5 पहले अवैध आउटपोस्ट के तौर पर थीं. अब वेस्ट बैंक में कुल 140 सेटलमेंट्स हो चुके हैं.