Mawlawi Amir Khan Muttaqi Statement: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी ने दिल्ली दौरे के दौरान भारत के साथ सुरक्षा, व्यापार और निवेश पर चर्चा की. उन्होंने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान की जमीन किसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होगी और दोनों देशों के लिए व्यापारिक रास्ते खुलने चाहिए.
Trending Photos
)
Delhi News Today: अफगानिस्तान पर अमेरिका ने अल-कायदा की आड़ में 7 अक्टूबर 2001 को हमला कर दिया था. इसके बाद अमेरिकी फौज अगले 19 साल, 9 महीने और 24 दिन तक अफगानिस्तान को रौंदती रही, जिससे वहां बुनियादी ढांचा नेस्तानाबूद हो गया. भारत ने अफगानिस्तान के बुनियादी ढांचे को खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाई. यही वजह है कि अफगानिस्तान हमेशा पाकिस्तान के दोगलेपन के आगे भारत को तरजीह देता रहा है.
भारत अफगानिस्तान के मजबूत रिश्तों को बेहतर बनाने के मकसद से गुरुवार (9 अक्टूबर) को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी एक हफ्ते के भारत दौरे पर पहुंचे. शु्क्रवार को दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई.
इस मौके पर अमेरिका और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर आमिर खान मुत्ताकी ने कहा, "इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान ने पिछले चार सालों में यह साबित कर दिया है कि उनकी जमीन का इस्तेमाल किसी के खिलाफ नहीं किया जाएगा." उन्होंने कहा, "हम इस नीति पर अभी भी कायम हैं कि अफगानिस्तान की सरजमीन को किसी को धमकाने के लिए इस्तेमाल नहीं होने दी जाएगी."
मौलवी आमिर खान मुत्ताकी ने बताया कि भारत-अफगानिस्तान ने व्यापार समिति बनाने पर रजामंदी का इजहार किया है. उन्होंने कहा,"अफगानिस्तान में निवेश के मौकों और खनिज एवं ऊर्जा क्षेत्र में विकास के मद्देनजर उन्होंने भारत को इन क्षेत्रों में काम करने के लिए आमंत्रित किया है." उन्होंने कहा, "चाबहार मार्ग एक अच्छा विकल्प होगा. भारत और अफगानिस्तान को मिलकर सभी बाधाओं को दूर करना चाहिए."
मोदी सरकार से अपील करते हुए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर मुत्ताकी ने कहा,"अमेरिका ने कई प्रतिबंध लगाए हैं, इसलिए भारत और अफगानिस्तान को अमेरिका के साथ मिलकर बातचीत करनी चाहिए. यह रास्ता हमारे लिए इस्तेमाल करना जरुरी है. हम व्यापार के महत्व को समझते हैं, यह हालिया दिनों में तेजी से बढ़ा है." उन्होंने कहा, "सभी व्यापारिक रास्ते खुले होने चाहिए. अगर रास्ता बंद होगा, तो भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार प्रभावित होगा."
हालिया दिनों अमेरिका के जरिये बगराम एयरबेस पर दावा करने और उसे खाली करने की धमकी पर मौलवी आमिर खान मुत्ताकी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, "अफगानिस्ता की अवाम ने कभी विदेशी सैन्य बल को स्वीकार नहीं किया और आगे भी स्वीकार नहीं करेंगे. अगर कोई हमारे साथ संबंध रखना चाहता है, तो वह कूटनीतिक मिशन के माध्यम से आ सकता है, लेकिन सैन्य वर्दी में नहीं. यह हमारे लिए नाकाबिले कबूल है."
मौलवी आमिर खान मुत्ताकी ने कहा, "अफगानिस्तान इस्लामी सिद्धांतों के आधार पर सभी देशों के साथ सकारात्मक संबंध चाहता है. भारत के पास इस सकारात्मक रास्ते पर जुड़ने का अच्छा मौका है, हमें उम्मीद है कि संतुलित नीति अन्य देशों को भी प्रोत्साहित करेगी." उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान किसी भी सैन्य दखलअंदाजी या किसी की मौजूदगी की इजाजत नहीं देगा."
यह भी पढ़ें: उमर एम यागी समेत अबतक 16 मुसलमानों ने जीता है नोबल अवार्ड; तीन पाकिस्तान के खाते में