सऊदी अरब के दबाव में डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से प्रतिबंध हटाने का किया ऐलान?
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सऊदी अरब के दबाव में डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से प्रतिबंध हटाने का किया ऐलान?

America Syria Relation: सऊदी अरब बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद से ही अमेरिका पर दबाव बना रहा था कि वो सीरिया के खिलाफ कड़े आर्थिक बैन में नरमी लाए. अब ट्रंप ने बड़ा ऐलान किया है.

सऊदी अरब के दबाव में डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से प्रतिबंध हटाने का किया ऐलान?

Donald Trump Removes Syria Sanctions: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वक्त अरब देश के दौरे पर हैं और 13 मई को रियाद में सऊदी-अमेरिका इन्वेस्टमेंट फोरम में शामिल हुए. इसी कार्यक्रम में ट्रंप ने सीरिया पर लगाए गए सभी आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के लिए ऐलान किया है और कहा कि अमेरिका अब सीरिया पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने जा रहा है. ट्रंप ने इस ऐलान को मिडिल ईस्ट में शांति और स्थिरता की दिशा में अहम कदम बताया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस फैसले से सीरिया में मानवीय मदद और आर्थिक पुनर्निर्माण का रास्ता खुलेगा. 

ट्रंप के इस ऐलान के बाद सीरिया के विदेश मंत्री असद हसन अल-शैबानी ने ट्रंप के फैसले को देश के पुनर्निर्माण की राह की नई शुरुआत बताया है. उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सऊदी अरब के नेतृत्व में हमारे भाइयों के रुख की बदौलत हम सीरियाई लोगों के लिए एक अच्छे भविष्य की ओर एक नया पन्ना खोल रहे हैं."  अमेरिकी राष्ट्रपति के ऐलान के बाद सीरिया की राजधानी दमिश्क में जश्न का माहौल है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी दमिश्क में जश्न के दौरान हवाई फायरिंग की आवाजें सुनी जा रही हैं. 

सऊदी का मेहनत लाया रंग
सीरिया पर लगे अमेरिकी बैन हटाने में सऊदी अरब की अहम भूमिका रही है. दरअसल, सऊदी अरब बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद से ही अमेरिका पर दबाव बना रहा था कि वो सीरिया के खिलाफ कड़े आर्थिक बैन में नरमी लाए. इस दौरान सऊदी और अमेरिकी सरकारों के बीच कई दौर की वार्ता हुई. रियाद का मानना था कि नए हालात में सीरिया को फिर से मुख्यधारा में लाना जरूरी है. इसी कूटनीतिक कोशिश के तहत डोनाल्ड ट्रंप ने रियाद में प्रतिबंध हटाने का ऐलान कर दिया.

क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि बशर अल-असद ने करीब 25 साल तक सीरिया पर कठोर शासन किया और पश्चिमी देशों समेत कई दूसरे देशों ने अक्सर इसकी निंदा की है. लेकिन पिछले साल नवंबर में हयात तहरीर अल-शाम या एचटीएस के नेतृत्व में विद्रोहियों ने असद सरकार को उखाड़ फेंका और देश पर कब्जा कर लिया. बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने के बाद, एचटीएस प्रमुख अहमद अल-शरा उर्फ ​​अबू मोहम्मद अल-जुलानी देश की कमान संभाल रहे हैं.

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