FATF Report Pakistan: FATF ने टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर तीन देशों को ब्लैक लिस्ट किया है. वहीं, FATF के अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि जो देश ग्रे लिस्ट से बाहर हो गए हैं उन पर अभी लगातार निगरानी की जाएगी. यानि पाकिस्तान पर भी टेरर फंडिंग को लेकर निगरानी रहेगी, क्योंकि साल 2022 में पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर किया गया था. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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FATF Report Pakistan: दुनिया भर में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने और रिपोर्ट देने वाली संस्था 'फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स' (FATF) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ईरान-उत्तर कोरिया और म्यांमार को ब्लैक लिस्ट में रखा गया है. साथ ही नेपाल और अन्य 18 देशों को ग्रे लिस्ट में रखा गया है. वहीं, FATF ने पाकिस्तान टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर सख्त नसीहत दी है.
दरअसल, पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में था, लेकिन उसे साल 2022 में इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया. इसी कड़ी में FATF ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किए जाने का मतलब यह नहीं है कि टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर पाकिस्तान की निगरानी नहीं होगी. FATF के सदर एलिसा दे आंडा माद्राजो ने फ्रांस में FATF की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
FATF के सदर एलिसा दे आंडा माद्राजो प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान समेत सभी देशों को अवैध आर्थिक गतिविधियों से निपटने के लिए सतर्क और प्रतिबद्ध रहना चाहिए, भले ही उन्हें ग्रे लिस्ट से हटा दिया गया हो. उन्होंने कहा कि कोई भी देश जो ग्रे लिस्ट में रहा है, वह अपराधियों की गतिविधियों के प्रति पूरी तरह सुरक्षित नहीं है, चाहे वो आतंकवादी हो या अन्य अपराधी.
गौरतलब है कि पाकिस्तान को साल 2022 में FATF ने ग्रे लिस्ट से बाहर निकाल दिया था, लेकिन पाकिस्तान पर टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर लगातार नजर रखी जा रही थी. पाकिस्तान FATF का सदस्य देश नहीं, इसलिए पाकिस्तान पर टेटर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर नजर रखने का काम एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) कर रहा है.
भारत की 'नेशनल रिस्क असेसमेंट रिपोर्ट 2022' ने पाकिस्तान को टेरर फंडिंग के बड़े स्रोत के रूप में चिन्हित किया है, खासकर उन संगठनों के जरिए जो वहां की सरकारी संस्था 'नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स' (NDC) से जुड़े हैं.