IMF ने पाकिस्तान के सामने रखीं नई लोन की कंडीशन्स; जल्द करनी होंगी लागू
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IMF ने पाकिस्तान के सामने रखीं नई लोन की कंडीशन्स; जल्द करनी होंगी लागू

IMF Load Conditions: आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने नई कंडीन्स रखी हैं. जो आने वाले दिनों में पाकिस्तान को लागू करनी होगी. इसके साथ ही आईएमएफ ने भारत-पाक के बीच बनी टेंशन पर भी फिक्र का इजहार किया है.

IMF ने पाकिस्तान के सामने रखीं नई लोन की कंडीशन्स; जल्द करनी होंगी लागू

IMF Load Conditions: इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को दिए गए 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज के बदले में नई शर्तें थोप दी हैं. इसके साथ ही IMF ने भारत से बढ़ते तनाव को पाकिस्तान के लिए बड़ा जोखिम बताया है.

क्या हैं आईएमएफ की शर्तें

पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF ने जिन शर्तों को जोड़ा है, वो कुछ इस तरह हैं
1. 17.6 लाख करोड़ रुपये का नया बजट पास कराना
2. बिजली बिलों में कर्ज चुकाने का अतिरिक्त सरचार्ज बढ़ाना
3. तीन साल से पुराने सेकेंड हैंड कारों के आयात पर लगी रोक हटाना
4. फाइनेंशियल इयर 2026 का बजट संसद से पास कराना, जिससे IMF के टारगेट्स को जून 2025 तक पूरा किया जा सके.
5. कृषि आय कर पर नई नीति लागू करना, जिसमें टैक्स रिटर्न जमा करने, लोगों को टैक्स नेटवर्क में लाने और जागरूकता फैलाने की योजना शामिल है. इसकी डेडलाइन जून 2025 है.
6. गवर्नेंस (शासन) सुधारों की एक सार्वजनिक रिपोर्ट जारी करना, ताकि कमजोरियों की पहचान की जा सके.
7. गरीबों को मिलने वाले नकद सहायता प्रोग्राम में हर साल महंगाई के मुताबिक बढ़ोतरी करना.
8. 2027 के बाद की योजना बनाकर उसे पब्लिश करना, जिसमें भविष्य की नीतियां और नियम तय होंगे.
10. . 1 जुलाई तक बिजली दरों में सालाना संशोधन लागू करना, ताकि लागत के मुताबिक कीमत तय बो
11. 15 फरवरी 2026 तक गैस दरों में छमाही संशोधन लागू करना, जिससे सब्सिडी खत्म हो.

भारत के साथ तनाव पर फिक्र का इजहार

IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले दो हफ्तों में तनाव काफी बढ़ा है. भले ही शेयर बाजार पर असर ज्यादा न पड़ा हो, लेकिन अगर यह तनाव और बढ़ा, तो इससे पाकिस्तान के फाइनेंशियल और सुधार प्रोग्राम्स पर गंभीर असर पड़ेगा.

IMF की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 2.414 लाख करोड़ रुपये का रक्षा बजट रखा है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 12% ज्यादा है. वहीं सरकार ने खुद इसे 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बताया है, जो कि भारत से संघर्ष के बाद 18% की बढ़ोतरी दिखाता है.

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