Iran Operation Barkat Al-Fatah: बीते दिनों अमेरिका ने ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों पर हमला किया था. इस हमले के जवाब में ईरान ने मिडिल ईस्ट में मौजूद अमेरिकी मिलिट्री एयरबेस को मिसाइलों से निशाना बनाया. ईरान ने इस ऑपरेशन को 'बरकत अल-फतह' नाम दिया, जिसका एक खास मकसद है.
Trending Photos
Iran Missile attack on US Military Base in Qatar: ईरान ने अमेरिकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए मिडिल ईस्ट में उसके मिलिट्री एयरबेस मिसाइलों से हमला किया. ईरान की ईरान रिवॉल्यूशनी गॉर्ड (IRGC) ने 6 मिसाइलों के जरिये कतर की राजधानी दोहा में स्थित अमेरिकी एयरबेस को निशाना बनाया है. ईरान के इस हमले के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर पहुंच गया है.
मिडिल स्थित अमेरिकी एयरबेस पर हमला करने के लिए ईरान ने 'बरकत अल-फतह' ऑपरेशन लांच किया. इस ऑपरेशन का नाम 'बरकत अल-फतह' नाम देने का खास मकसद है. 'बरकत अल-फतह' अरबी शब्द है, जिसका मतलब है, "अल्लाह की तरफ से बरकत वाली जीत और कामयाबी." यह नाम सिर्फ एक सैन्य मिशन का शीर्षक नहीं, बल्कि एक दुआ है. जो इस्लामी परंपरा में खास महत्व रखती है.
ईरान ने यह नाम देकर साफ संदेश दिया है कि वह यह जंग सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि अल्लाह की मदद और बरकत के भरोसे लड़ रहा है. इस्लामी मान्यताओं में ऐसी कई दुआएं हैं, जिनमें 'बरकतुल-फतह' की गुजारिश की जाती है. यह जंग के लिए नहीं है बल्कि किसी भी काम को करने से पहले पढ़ा जाता है, जिससे अल्लाह मांगने वाले की लक्ष्य को आसान बनाए. इसका पवित्र कुरआन में भी जिक्र है.
-اللَّهُمَّ افتَحْ لي فتحًا مُباركًا، وَارزُقني فيه البركةَ والخيرَ، وَاجعلْه سببًا لرضاكَ يا أرحمَ الراحمين
(ऐ अल्लाह मुझे बरकत वाली फतह (जीत) अता कर, उसमें भलाई दे और अपनी रजा का जरिया बना)
इस तरह ईरान की यह कार्रवाई न सिर्फ रणनीतिक थी, बल्कि उसके पीछे एक धार्मिक सोच और दुआ की भावना भी छिपी हुई थी. 'बरकत अल-फतह' नाम देकर ईरान ने दुनिया को यह दिखाया है कि वह अल्लाह की रहमत के साथ खड़ा है और उसकी मदद से ही फतह यानी जीत चाहता है. ईरान का मानना है कि यह लड़ाई इंसाफ, आत्मसम्मान और संप्रभुता की है और बरकत अल-फतह उसी यकीन की निशानी है.