Russian-Israeli Researcher Kidnapped: 8 महीने पहले एक इजरायली फिलिस्तीनी रिसर्चर गायब हो गई थी. जिसका वीडियो अब सामने आया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रिसर्चर अपने रशियन पासपोर्ट से ईराक में दाखिल हुई थी.
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Russian-Israeli Researcher Kidnapped: एक इराकी टेलीविजन स्टेशन पर सोमवार को एक वीडियो टेलीकास्ट हुआ, यह वीडियो ईरान समर्थक सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ. जिसमें कथित तौर पर एक इजरायली-रूसी शोधकर्ता सुरकोव को दिखाया गया है, जिसे कथित तौर पर इराक में अपहरण कर लिया गया था. रिसर्चर 8 महीने पहले लापता हो गई थी जिसके बाद अब उसकी जिंदगी का यह पहले संकेत मिला है.
किसी भी समूह ने एलिजाबेथ त्सुरकोव के अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है. इज़रायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि उन्हें ताकतवर ईरान समर्थित इराकी मिलिशिया कातेब हिजबुल्लाह किडनैप किया है. वहीं सुरकोव पर आरोप लगे हैं कि वह इजरायली खूफिया एंजेसी मोसाद की एजेंट हैय
वीडियो में सुरकोव अरबी सबटाइटल्स के साथ हिब्रू में बोलती दिख रही हैं. वह इस वीडियो में अपनी रिहाई की बात कर रही हैं और गाजा में चल रहे युद्ध को खत्म करने की बात कर रही हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है वीडियो 7 अक्टूबर को इज़राइल में हमास के हमले के बाद बनाया गया था.
सुरकोव के परिवार के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा,"जिंदगी के इस प्रमाण वाले वीडियो को देखना उत्साहजनक है, जिसे हाल के हफ्तों में साफ तौर से फिल्माया गया था. हालांकि हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते कि एलिजाबेथ सिकरोव क्या कह रही है, हम सराहना करते हैं कि यह उसे उसके परिवार के पास लाने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है.
सुरकोव एक 36 साल की डॉक्टरेट स्टूडेंट है, जिसका काम मध्य पूर्व और खास तौर से सीरिया और इराक पर फोकस है. वह मार्च में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में डॉक्टरेट के लिए रिसर्च करते वक्त इराकी राजधानी बगदाद में गायब हो गई थी. वह अपने रूसी पासपोर्ट के जरिए देश में दाखिल हुई थी, क्योंकि इज़राइल और इराक के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं.
उसके लापता होने के कुछ दिनों बाद, एक स्थानीय वेबसाइट ने बताया कि इराकी अधिकारियों ने उसके अपहरण के सिलसिले में एक ईरानी नागरिक को हिरासत में लिया था. इस रिपोर्ट में कहा गया कि सुरकोव को बगदाद के केंद्रीय पड़ोस कर्रादाह से अपहरण कर लिया गया था और इराकी राजधानी में ईरानी दूतावास उस व्यक्ति की रिहाई और उसे ईरान निर्वासित करने के लिए दबाव डाल रहा था.
जुलाई में नेतन्याहू के पब्लिक में बयान देने के बाद इराकी सरकार ने इस मामले में जांच का आदेश दिया था, हालांकि इस मामले में कोई रिजल्ट सामने नहीं आ पाया था.