Baloch Protest in Pakistan: पाकिस्तान में BYC ने महरंग बलोच के एक पुराने भाषण को फिर शेयर कर बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार हनन और जबरन गायब किए जाने की घटनाओं पर सरकार और सेना की आलोचना की है. 'मार्च अगेंस्ट बलोच जेनोसाइड' को BYC ने नागरिक प्रतिरोध का प्रतीक बताया और कहा है कि इंसाफ की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.
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Pakistan News Today : पाकिस्तान की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बलोच यकजहती कमेटी (BYC) ने हाल ही में महरंग बलोच का एक पुराने लेकिन बेहद भावनात्मक और प्रभावशाली भाषण को फिर से शेयर किया. इस भाषण को महरंग बलोच ने 'मार्च अगेंस्ट बलोच जेनोसाइड' मार्च के दौरान इस्लामाबाद से क्वेटा लौटने के दौरान दिया था.
अपने संबोधन में महरंग बलोच ने बलूचिस्तान में हो रही हिंसा, रहस्यमयी ढंग से जबरन गायब किए जाने की घटनाओं की तीखी आलोचना की थी. इस दौरान मार्च में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए महरंग बलोच ने कहा था कि प्रतिरोध की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा, "हर बलोच की हत्या के बाद कई और लोग खड़े होंगे."
बलोच यकजहती कमेटी के मुताबिक, पाकिस्तानी फौज दशकों से बलूचिस्तान में दमन कर रही है. इतना ही नहीं लोगों को जबरन गायब करने, इंस्टीट्यूशनल मर्डर हो रहा है और बलोचों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. एक हालिया पोस्ट में बलोच यकजहती कमेटी (BYC) ने इस मार्च की वापसी को एक अहम पल बताया, जिसे उन्होंने बलोच लोगों के खिलाफ चल रहे सैन्य कार्रवाई और मानवाधिकार हनन के खिलाफ लगातार चल रहे संघर्ष का हिस्सा बताया है.
कमेटी ने पीड़ित परिवारों और कार्यकर्ताओं की गवाही का हवाला देते हुए कहा कि "वे हमें हर दिन मारने आते हैं. यह कोई भावनात्मक बयानबाजी नहीं बल्कि बलूचिस्तान के लोगों की जमीनी हकीकत है." बलोच यकजहती कमेटी ने दिसंबर 2023 में 'मार्च अगेंस्ट बलोच जेनोसाइड' के रुप में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. इस आंदोलन की शुरुआत एक बलाच नाम के बलोच युवक की इंस्टीट्यूशन मर्डर के बाद शुरू हुई. इसके विरोध में महरंग बलोच की अगुवाई में बलोच महिलाओं के साथ पीड़ित परिवार ने तुर्बत से मार्च शुरू किया था, जो पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक पहुंचा था.
BYC के मुताबिक, इस मार्च का मकसद बलूचिस्तान में जबरन लोगों को गायब किए जाने, पुलिस कस्टडी में मौत और राज्य की जवाबदेही तय करने के लिए था. यह प्रदर्शन राज्य के जरिये इन जुर्मों की सजा न दिए जाने के खिलाफ था. यह एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन था. उन्होंने बताया कि इस आंदोलन न सिर्फ पाकिस्तान में बल्कि विदेशों में भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा.
बलोच यकजती कमेटी (BYC) के जरिये आयोजित 'मार्च अगेंस्ट बलूच जेनोसाइड' महज एक प्रदर्शन नहीं बल्कि दशकों से चल रहे संकट के खिलाफ एक "नागरिक और लोकतांत्रिक प्रतिरोध" का प्रतीक बन चुका है. कमेटी का कहना है कि यह मार्च बलूचिस्तान में जबरन गायब किए जाने, हिरासत में मौतों और राज्य की जवाबदेही न होने की खिलाफ है.
BYC लगातार यह मांग कर रही है कि बलूचिस्तान में कथित मानवाधिकार हनन की स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को इंसाफ के कटघरे में खड़ा किया जाए. कमेटी ने साफ कहा है कि इस मार्च की वापसी का मतलब यह नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है बल्कि यह इंसाफ और पहचान की लड़ाई को और आगे ले जाने की तरफ एक इशारा है. बलूचिस्तान के लोगों के अधिकारों की बहाली और उन्हें इंसाफ दिलाने की दिशा में यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा.