India Afghanistan Diplomatic Relations: पाकिस्तान जिस तालिबान को सदियों से अपना समर्थन देते आया है और वह तालिबान भारत के तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है. आने वाले दिनों में भारत और तालिबान के बीच रिश्ते और सामान्य होने की संभवाना बढ़ती जा रही है.
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India Afghanistan Diplomatic Relations: 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बौखला गया और भारत पर हमला शुरू कर दिया. वहीं, जब भारत ने जवाबी कार्रवाई की, तो पाकिस्तान सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा. इसके बाद भारत ने सीजफायर का ऐलान कर दिया. इस जंग के बाद दुनिया दो हिस्सों में बंट गई. एक ग्रुप पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था, जबकि भारत के जवाबी कार्रवाई को जायज ठहरा रहा था. इन सबके बीच पाकिस्तान के पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर टिकी हुई थी. आखिर तालिबान का क्या स्टैंड हैं. तालिबान ने पाकिस्तान का करारा झटका देते हुए भारत का समर्थन किया और पहलगाम आतंकी हमले की निंदा भी की. इस घटना के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच नजदीकियां और बढ़ने लगी है.
वहीं, पाकिस्तान जिस तालिबान को सदियों से अपना समर्थन देते आया है और वह तालिबान भारत के तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है. आने वाले दिनों में भारत और तालिबान के बीच रिश्ते और सामान्य होने की संभवाना बढ़ती जा रही है. माना जा रहा है कि भारत जल्द ही तालिबान सरकार द्वारा भेजे गए राजनयिकों की तैनाती को औपचारिक रूप से मंजूरी दे सकता है, हालांकि तालिबान राजनयिक पहले से ही नई दिल्ली और मुंबई में अफगान दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में तैनात हैं. वहीं, हिंदुस्तान टाइमर को दिए इंटरव्यू में तालिबान प्रवक्ता सोहेल शाहीन ने साफ कहा कि अफगानिस्तान का भारत के साथ ऐतिहासिक रिश्ता रहा है, जिसे फिर से मजबूत करने की जरूरत है.
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तालिबान से की थी बात
इससे पहले 15 मई को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पहली बार अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मोटाकी से बातचीत की थी. इस वार्ता को राजनयिक संबंधों की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया. इसके अलावा, भारत ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान से 160 ट्रकों को अटारी वाघा सीमा के माध्यम से प्रवेश करने की अनुमति दी थी. हालाँकि भारत औपचारिक रूप से तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता है, लेकिन वह जून 2022 से काबुल में एक तकनीकी मिशन चला रहा है. अगस्त 2021 में कब अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने काबुल में अपना दूतावास बंद कर दिया.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम में सैलानियों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी थी. इस कायराना हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे. इस अटैक के बाद भारत ने पाकिस्तान से आतंकियों को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई है. इसी सिलसिले में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की और सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया. इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में छिपे आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की जिसमें कम से कम 100 आतंकी मारे गए.