Pakistan News: पाकिस्तान ह्यूमन राइट्स कमिशन ने पंजाब प्रांत में हो रहे जबरन बेदखली को अपने संज्ञान में लेकर जल्द से एक्शन लेने की मांग की है. पंजाब प्रांत में भू-माफियों द्वारा ईसाई किसानों को जबरन उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहै है.
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Pakistan News: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बड़े पैमाने पर ईसाई किसानों की बेदखली की जा रही है, जिसको लेकर अब पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमिशन ने चितां जाहिर की है. एचआरसीपी ने इस मामले में सरकार को जल्द से कार्रवाई कर अपने अधीन लेने की मांग की है.
पाकिस्तान एनजीओं ने एक पादरी की शिकायत पर जांच की थी, जिसमें पाया गया कि पाक के पंजाब प्रांत में स्थानीय भू-माफियाओं द्वारा छोटे ईसाई किसानों को जबरन उनकी जमीनों से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है, जबकि कानूनी तरह से इस कम्युनिटी को सुरक्षा प्राप्त है.
सरकार के निर्देशों का उल्लंघन
एचआरसीपी ने मंगलवार को एक प्रेस रिलीज जारी किया है, जिसमें कहा कि कई ईसाई किसान, जो कई सालों से इन जमीनों की खेती कर रहे हैं, उन्हें उनके धर्म के आधार पर जबरन बेदखल किया जा रहा है. एनजीओ ने चेतावनी दी है कि यह जबरन बेदखलियां कई अदालतों के आदेशों और सरकारी निर्देशों का उल्लंघन हैं. क्योंकि, सरकार की तरफ से ईसाई समुदाय के वैध जमीनों को मान्यता प्राप्त हैं.
कानूनी कागजात भी मौजूद नहीं
प्रेस रिलीज के मुताबिक लाहौर हाई कोर्ट द्वारा स्टे ऑर्डर जारी किया गया था. इसके बावजूद भी किसानों को जबरन बेदखल किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि भू-माफिया उन्हें जमीन खाली करने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. इसके अलावा किसानों ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने अब तक उन्हें जमीन के अलॉटमेंट लेटर जारी नहीं किए हैं, जिसके वजह से वह कानूनी अधिकार साबित करने में असमर्थ हैं और माफियाओं की दया पर निर्भर हैं.
एचआरसीपी के अध्यक्ष असद इकबाल बट्ट ने ईसाई किसानों की असुरक्षा पर जोर देते हुए कहा, "ईसाई होने के वजह से यह समुदाय दोहरी मार झेल रहा है. उन्हें मान्यता, कानूनी सुरक्षा और दशकों की सरकारी उपेक्षा के लिए मुआवजा मिलना चाहिए."
HRCP की पंजाब सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग
HRCP ने पंजाब सरकार से मांग की है कि वह तुरंत जबरन बेदखल के मामले को रोके, रूके हुए जमीन के अलॉटमेंट लेटर को जारी करे और भू-माफियाओं की गतिविधियों की जांच शुरू करे. इसके साथ ही आयोग ने अवैध बेदखली और डराने-धमकाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जल्द से कानूनी कार्रवाई करने की मांग भी की है. ईसाई किसानों ने HRCP को बताया कि अगर उनके जमीनें चले जाते हैं, तो उनकी रोजी-रोटी भी खत्म हो जाएगी और उनकी गरीबी गहरी हो जाएगी. इसके साथ ही कई किसानों ने अपनी सुरक्षा और मुस्तकबिल को लेकर चिंता जताई है.
ईसाई धार्मिक अल्पसंख्यकों को यह स्थिती व्यापक चुनौतियों को दर्शाती है, जिन्हें कानूनी सुरक्षा मिलने के बावजूद भेदभाव, हाशिये पर धकेलना और हिंसा का सामना करना पड़ता है. कानूनों के लागू न होने और राज्य से समर्थन की कमी से उनकी असुरक्षा और बढ़ जाती है.