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Zee SalaamPhotosPhoto: जहां गाजा के भविष्य पर हो रही है चर्चा, उसी शहर में है ‘जन्नत सी मस्जिद’
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Photo: जहां गाजा के भविष्य पर हो रही है चर्चा, उसी शहर में है ‘जन्नत सी मस्जिद’

गाजा में युद्ध खत्म करने के लिए आज मिस्र के शर्म-अल-शेख में इंटरनेशनल सम्मेलन शुरू हो रहा है. इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा देशों के नेता हिस्सा लेंगे और गाजा में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पर विस्तार से चर्चा करेंगे.

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गाजा में युद्ध खत्म करने के लिए आज मिस्र के शर्म-अल-शेख में इंटरनेशनल सम्मेलन शुरू हो रहा है. इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा देशों के नेता हिस्सा लेंगे और गाजा में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पर विस्तार से चर्चा करेंगे. ऐसे में आज हम आपको शर्म-अल-शेख स्थित मशहूर अल-सहाबा मस्जिद के बारे में बताने जा रहे हैं...

 

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अल-सहाबा मस्जिद मिस्र के शर्म अल शेख शहर के पुराने बाज़ार इलाके में स्थित है. यह मस्जिद लाल सागर के किनारे और पहाड़ के बीचों-बीच बनी है, जिससे इसका नजारा किसी 'अरबियन नाइट्स' की कहानी जैसा लगता है.

 

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इस मस्जिद की खूबसूरती इसकी वास्तुकला में झलकती है. इसमें ओटोमन, ममलुक और फातिमी दौर की झलक एक साथ दिखाई देती है. इसकी डिज़ाइन मिस्र के काहिरा स्थित मोहम्मद अली मस्जिद से प्रेरित है.

 

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मस्जिद 3,000 वर्गमीटर में फैली है और इसमें दो ऊंचे मीनारें हैं, जिनकी ऊंचाई 76 मीटर है. इसमें कई गुंबद हैं और मुख्य छत 36 मीटर ऊंची है.

 

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रात में मस्जिद के चारों ओर मिट्टी के बने दीये जलते हैं, जिन पर पैगंबर मोहम्मद साहब (SAW) के साथियों के नाम लिखे होते हैं, जैसे हजरत अबू बकर, उमर, उस्मान और अली (र.अ.).

 

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यह मस्जिद एक समय में 3,000 से ज़्यादा लोगों को समा सकती है. इसमें बड़ा आंगन, दो अंब्रेला जैसा गुंबद, 36 वॉशरूम और कई सेवा भवन हैं.

 

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मस्जिद का निर्माण जनवरी 2011 में शुरू हुआ और मार्च 2017 में पूरा हुआ. इसकी लागत करीब 35 से 40 मिलियन मिस्री पाउंड आई, जिसमें आम लोगों और सरकार दोनों का सहयोग रहा.

 

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मस्जिद में एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामी सांस्कृतिक केंद्र और लाइब्रेरी है, जिसमें कई भाषाओं में किताबें और कुरान की सीडी उपलब्ध हैं. ये सामग्री अल-अजहर इस्लामिक रिसर्च अकादमी द्वारा दी गई है.

 

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यहां छह इमामों की टीम काम करती है, जिनमें तीन अंग्रेज़ी और तीन फ्रेंच भाषा में प्रचार करने में माहिर हैं. इन्हें पूरे मिस्र से एक प्रतियोगिता के ज़रिए चुना गया. दुनियाभर से आने वाले पर्यटक यहां इस्लाम के बारे में सीखने आते हैं. वे मस्जिद में दाखिल होने से पहले इस्लामी नियमों का पालन करते हैं.