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अगले कुछ दिनों में गाज़ा में भूख और कुपोषण से मर जाएंगे इतने लाख लोग; UNO की चेतावनी!

हमास-इजरायल में चल रहे जंग का सबसे ज्यादा नुकसान गाजा के आवाम को हो रहा है. गाजा में हो रहे लगातार हमलों के कारण, नाकाबंदी के कारण और दवाइयों की कमी के कारण अब गाजा अकाल के कागार पर आ गया है.

गाजा में अकाल के हालात

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 गाजा में अकाल के हालात

गाजा में हालात लगातार बत से बत्तर हो रहे हैं और अब गाजा में अकाल की स्थिति हो गई है. इजरायल के द्वारा हो रहे हमले, नाकाबंदी, दवाइयों की कमी और जरूरत की कमी के वजह से गाजा के अब इतने बेकार हालात है. 

2.1 मिलियन भूखमरी का शिकार

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2.1 मिलियन भूखमरी का शिकार

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि 2.1 मिलियन की आबादी भूख से जूझ रही है, जो कि दुनिया का सबसे खराब भूख संकट बन गया है. वहीं पांच लाख की आबादी का हाल बेहद ही खराब है, वह लोग भूखमरी, कुपोषण, बीमारी और मृत्यु जैसे खराब हालात में हैं.

पांच लाख लोगों कुपोषण का शिकार

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पांच लाख लोगों कुपोषण का शिकार

सोमवार को जारी एक बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा, "जारी नाकेबंदी में जरूरत खाघ को जानबुझकर रोकने के वजह से गाजा में अकाल के हालात पैदा हो गए है. 2.1 मिलियन की आबादी खाघान्न की कमी का सामना कर रही है, और पांच लाख लोग बेहद खराब स्थिति का समाना कर रहे हैं. यह दुनिया का सबसे खराब भूख संकट है, जो धीरे-धीरे सामने आ रहा है."

 

तीन महीने से नाकाबंदी

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तीन महीने से नाकाबंदी

अब गाजा के हालात इतने बेकार है कि खाने के अलावा इलाज के लिए दवाइयां और तमाम जरूरत की चीजें भी मौजूद नहीं है. इजरायल द्वारा किए गए नाकेबंदी को तकरीबन तीन महीने हो गए है. तीन महीने से गाजा में खाने के समान से लेकर दवाईयां तक भी नहीं पहुंची है.

हॉस्पिटल के खस्ता हालात

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हॉस्पिटल के खस्ता हालात

इजरायल हमलों के वजह से गाजा के इमारतें और स्कूल बुरी तरह से तहस-नहस हो गए है. इतना ही नहीं अस्पतालों के हालात भी बेहद खस्ता हो रखे हैं. हॉस्पिटल में दवाइयों और इंस्ट्रूमेंट के अलावा बिजली भी मौजूद नहीं है.  

दवाइयां कुछ ही मिनटों की दूरी में

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दवाइयां कुछ ही मिनटों की दूरी में

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉस घेब्रेयेसस ने बताया कि गाजा पहले से ही भूखमरी के चपेट में है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि लोग भूख से मर रहे हैं और बीमार हो रहे हैं, जबकि दवाइयां और भोजन गाजा के बॉडर्र से कुछ ही मिनटों की दूरी पर है. 

 

हालात लगाातर बेकार हो रहे

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हालात लगाातर बेकार हो रहे

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2 मार्च से नाकाबंदी शुरू हुई, जिसके बाद 57 बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके हैं. अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो अगले ग्यारह महीने में पांच साल से कम उम्र के लगभग 71,000 बच्चें कुपोषण के शिकार हो जाएगें.

पीने के लिए साफ पानी नहीं

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पीने के लिए साफ पानी नहीं

गाजा में साफ पीने के पानी का भी अभाव है. WHO ने कहा है कि कुपोषित महिलाएं पैष्टिक दूध बनाने के लिए संघर्ष करती है, जिससे बच्चें भी खतरे में पड़ जाते हैं. छह महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए मां का दूध बेहद पोष्टिक होते है. ऐसे हालात में खासकर जब पीने के लिए साफ पानी भी मौजूद न हो. 

 

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