RSF Massacre in Sudan: सूडान में जारी गृहयुद्ध अब नरसंहार का रूप ले चुका है. दारफुर के अल-फाशर शहर में RSF के लड़ाकों ने सैकड़ों औरतों और बच्चों की हत्या कर दी है. सूडान के बेगुनाहों पर अत्याचार, रेप और अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं. स्थानीय समुदाय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की खामोशी पर लताड़ लगाई है.
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Sudan Civil War 2025: साल 2023 से दुनिया में दो देशों में बेगुनाह लोगों का नरसंहार किया जा रहा है. 7 अक्टूबर 2023 से इजरायल लगातार ग़ज़ा में हमले कर रहा है, इसमें अब तक लगभग 70 हजार लोगों के मारे जाने की खबर है. वहीं, एक और मुस्लिम मुल्क सूडान भी गृह युद्ध की मार झेल रहा है.
सूडान का वर्तमान गृहयुद्ध अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था. यह मुख्य रूप से सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) के बीच सत्ता संघर्ष को लेकर है. माना जा रहा है कि सूडानी मिलिशिया संगठन RSF को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) फंड और हथियार मुहैया कराता है. इसकी वजह से दुनियाभर में UAE के खिलाफ विरोध देखने को मिल रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, RSF के नेता मोहम्मद हामीदीन दागलो उर्फ हेमेदती और SAF के जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुरहान के बीच सिविलियन सरकार में सत्ता साझेदारी को लेकर विवाद है. दोनों सूडान की सत्ता हथियाने के लिए सशस्त्र बलों के साथ आम लोगों का खून बहा रहे हैं. यह गृह युद्ध में अब भयावह रूप ले चुका है.
अक्टूबर 2025 में दारफुर के एल-फाशर शहर पर RSF ने कब्जे के बाद आक्रामक कार्रवाइयां तेज कर दी हैं. RSF की इस कार्रवाई में हजारों आम लोगों की मौत हो गई है. इसमें सामूहिक हत्याएं, अस्पतालों पर हमले और जातीय नरसंहार भी शामिल है. हालांकि, कुल मौतों का सटीक आंकड़ा चुनौतीपूर्ण है. हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सूडान में जंग, भूखमरी और अकाल की वजह से 1,50000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
सूडान में आम नागरिकों को जिंदा ताबूत में दफनाया जा रहा है. इसकी कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. एक्स (पहले ट्विटर) पर वायरल एक वीडियो में दावा किया गया है कि एक सूडानी शख्स को जिंदा ताबूत में दफन कर दिया गया. उस शख्स का दोष बस इतना है कि उसके देश में सोना, चांदी, और बहुमूल्य खनिजों का विशाल भंडार है. इन खनिज भंडारों पर अरब अमीरात के मुसलमानो कि गंदी नजर पड़ गई है.
ताबूत में जिंदा दफन किए गए एक निर्दोष सूडानी युवक का दोष यह है कि उनके देश सूडान में सोने, चांदी और बहुमूल्य खनिजों के विशाल भंडार मिले हैं, और इन भंडारों पर अरब अमीरात के मुसलमानो कि गंदी नज़र पड़ गई है.
— ᵐᵗᵠ (@55MTQ_) November 2, 2025
सूडान के शहर अल-फाशर से भागकर आए चश्मदीदों ने हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं. उनके मुताबिक, RSF के लड़ाकों ने शहर पर कब्जे के दौरान सैकड़ों बच्चों को उनके माता-पिता के सामने हत्या कर दी. परिवारों को जबरन अलग कर दिया और नागरिकों को सुरक्षित इलाकों की ओर जाने से रोक दिया गया.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अल-फाशर में अभी भी सामूहिक हत्याएं, रेप, लूटपाट और अपहरण के सिलसिले जारी हैं. लोगों में भारी दहशत का माहौल है और कई परिवार अब भी शहर में फंसे हुए हैं.
सूडान की समाज कल्याण राज्य मंत्री सलमा इसहाक ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पश्चिमी सूडान के उत्तरी दारफुर प्रांत की राजधानी अल-फाशर में घुसने के बाद RSF ने पहले दो दिनों में ही 300 औरतों की हत्या कर दी है. मंत्री ने बताया कि इन महिलाओं के साथ पहले रेप और मारपीट की गई, फिर उन्हें बेरहमी से मार दिया गया.
सलमा इसहाक ने आगे कहा कि अल-फाशर से तवेला (उत्तरी दारफुर) की ओर जाने वाले लोगों को भी भारी खतरा है, क्योंकि अल-फाशर-तवेला मार्ग अब मौत की सड़क बन चुकी है. उन्होंने बताया कि अल-फाशर में अब भी कई परिवार मौजूद हैं, जिन पर RSF के लड़ाके लगातार हिंसा और यौन अत्याचार कर रहे हैं.
मंत्री ने इस स्थिति को नस्लीय सफाये की एक संगठित प्रक्रिया करार दिया. उन्होंने कहा कि इस अपराध को बढ़ावा देने में दुनिया की खामोशी भी शामिल है. उन्होंने कहा, "अल-फाशर में जो कुछ हुआ, वह इंसानियत के खिलाफ अपराध है और इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी भी बराबर अपराध को बढ़ावा देने के लिए हकदार है."
चश्मदीदों के मुताबिक, हजारों नागरिक अब भी शहर में फंसे हुए हैं और RSF के अत्याचार से बचने के लिए पहाड़ों या झाड़ियों में छिपने को मजबूर हैं. सूडानी सेना के पूर्व सैनिक अबू बकर अहमद ने बताया कि RSF के लड़ाकों ने बेगुनाह नागरिकों को बेरहमी से मार डाला. उन्होंने कहा कि "वे न तो बच्चों को छोड़ रहे हैं, न औरतों को, सब पर कहर बरपाया जा रहा है."
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