सलमान रुश्दी की आंखें छीनने वाले के खिलाफ कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
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सलमान रुश्दी की आंखें छीनने वाले के खिलाफ कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

Salman Rushdie News: सलमान रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' 1988 में प्रकाशित हुई थी. इसके बाद ईरान ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था. इसके बाद से वह विवादों में रहे और साल 2022 में 27 साल का एक लड़का उनपर जानलेवा हमला किया था.

सलमान रुश्दी की आंखें छीनने वाले के खिलाफ कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

Salman Rushdie News: 'द सैटेनिक वर्सेज़' किताब के लेखक सलमान रुश्दी पर साल 2022 में 27 साल के हादी मतर ने चाकू से हमला किया था. इस हमले में सलमान रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई थी. इस अटैक के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और हादी मतर पर कानूनी कार्रवाई चल रही थी. अब कोर्ट ने आरोपी 25 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है.

27 साल के हादी मतार को इस साल की शुरुआत में हत्या की कोशिश और हमले का दोषी ठहराया गया था. अगस्त 2022 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया था और इस हमले के कारण उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी. सलमान रुश्दी पर यह हमला न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम के मंच पर किया गया था.

आरोपी और रुश्दी ने कोर्ट में क्या दी दलील?
इस अटैक में सलमान रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई थी. जूरी जब हादी मतार को सजा सुना रही थी, तब सलमान सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद नहीं थे. रुश्दी ने कोर्ट को 'विक्टिम इम्पैक्ट स्टेटमेंट' भेजा था. उन्होंने कहा था कि उन पर 12 बार चाकू से हमला किया गया और उस वक्त लगा कि अब उनकी मौत होने वाली है. वहीं, आरोपी ने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि सलमान रुश्दी पाखंडी है. हादी ने कहा रुश्दी दूसरे लोगों का अपमान करना चाहते हैं. वह बदमाश बनना चाहते हैं. दूसरों को धमकाना चाहते हैं. मैं इससे सहमत नहीं हूं.

आरोपी पक्ष ने किया बचाव
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, जब सलमान पर हमला हुआ, तब वहां करीब 1400 लोग मौजूद थे. मतार ने जानबूझकर योजना बनाई थी, ताकि न सिर्फ सलमान बल्कि वहां मौजूद समुदाय को भी चोट पहुंचाई जा सके. हालांकि, बचाव पक्ष ने कोर्ट में दलील दी कि मतार के खिलाफ पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. इसलिए, सज़ा 12 साल होनी चाहिए. 

ईरान जारी किया था रुश्दी के खिलाफ फतवा
गौरतलब है कि सलमान रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' 1988 में प्रकाशित हुई थी. इसके बाद ईरान ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था. इसके बाद से ही सलमान रुश्दी विवादों में रहे. साथ ही रुश्दी ने आए दिन इस्लाम को लेकर भी कई विवादित बयान दिए, जिससे दुनियाभर के मुसमलानों ने रुश्दी के खिलाफ गुस्सा था और यहीं वजह है रुश्दी पर साल 2022 में हमला हुआ.

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