Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2963410

पाकिस्तानी सेना और ISI के बीच बढ़ रहा तनाव, इस वजह से मुनीर की पकड़ हो रही ढीली

Pakistan News: सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल असीम मुनीर, कथित तौर पर अफगान तालिबान द्वारा पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर कई सफल हमलों के बाद खुफिया एजेंसियों से नाराज हैं. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

पाकिस्तानी सेना और ISI के बीच बढ़ रहा तनाव, इस वजह से मुनीर की पकड़ हो रही ढीली

Pakistan News: कभी दुनिया की सबसे खतरनाक और प्रभावी जासूसी एजेंसियों में से एक मानी जाने वाली पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अब चरमराती दिख रही है. पाकिस्तानी सेना विशेष रूप से आईएसआई से नाराज है, क्योंकि वह अफगान तालिबान, तहरीक-ए-तालिबान, पाकिस्तान (TTP) और ऑपरेशन सिंदूर के हमलों के बारे में खुफिया जानकारी देने में विफल रही. 

सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल असीम मुनीर, कथित तौर पर अफगान तालिबान द्वारा पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर कई सफल हमलों के बाद खुफिया एजेंसियों से नाराज हैं. इस बीच तालिबान ने दावा किया है कि उसने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और कई अन्य को घायल कर दिया. वहीं भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इन शर्मनाक घटनाओं ने आईएसआई में बड़े पैमाने पर फेरबदल करने के लिए प्रेरित किया है.

तालिबान और टीटीपी कभी आईएसआई की संपत्ति हुआ करते थे. आज, वे कट्टर दुश्मन हैं, और अधिकारियों का कहना है कि आईएसआई द्वारा पोषित संगठन से हारना शर्मनाक से कम नहीं है. आईएसआई की एक और नाकामी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) का विरोध प्रदर्शन है. टीएलपी और आईएसआई के बीच अच्छे संबंध थे, और एजेंसी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार पर दबाव बनाने के लिए इस संगठन का इस्तेमाल करती थी. आईएसआई ने नवाज शरीफ और इमरान खान, दोनों के खिलाफ टीएलपी का इस्तेमाल किया, और दोनों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.

Add Zee News as a Preferred Source

आज, टीएलपी सत्ता प्रतिष्ठान के खिलाफ हथियार उठा रही है, और यह आईएसआई की एक बड़ी विफलता का संकेत है. कश्मीर के मोर्चे पर भी, आईएसआई हारती दिख रही है. ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान को गहरी नींद में डाल दिया. भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि खुफिया विभाग की यह विफलता मुख्यतः सेना के अत्यधिक हस्तक्षेप, समन्वय की कमी और आपसी कलह के कारण है.

फील्ड मार्शल मुनीर के नेतृत्व में अब वह आईएसआई को स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति दे रहे हैं. कामकाज से लेकर नियुक्तियों तक, हर चीज पर उनका ही नियंत्रण है. इससे पार्टी के नेताओं में भारी नाराजगी है. इसी वजह से मुनीर ने रावलपिंडी स्थित जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में एक बैठक बुलाई. इस बैठक में सेना और आईएसआई दोनों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे, जो अफगान तालिबान द्वारा पाकिस्तान की सैन्य चौकियों पर किए गए सफल हमलों के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुलाई गई थी.

मुनीर ने उच्च-स्तरीय बैठक में अपनी नाराज़गी व्यक्त की और अधिकारियों को आगे किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने की चेतावनी दी. उन्होंने इस बारे में विस्तृत जवाब भी मांगा कि खुफिया विभाग बार-बार क्यों विफल हो रहा है. फील्ड मार्शल मुनीर ने अफगान तालिबान के खिलाफ योजना की कमी के लिए अपने ही अधिकारियों की खिंचाई की. उन्होंने कहा कि रणनीति की स्पष्ट कमी ही तालिबान के खिलाफ शर्मनाक स्थिति का कारण बनी.

इनपुट-आईएएनएस

About the Author

TAGS

Trending news