Syria Conflict: सीरिया में हालात संजीदा बने हुए है. यहां, बशर असद शासन के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक, अलेप्पो में विद्रोही बलों के जरिए अचानक हमला कर दिया गया है. शुक्रवार को आर्म ग्रुप ने अलेप्पो में एंट्री ली और सेना से साथ जमकर मुकाबला हुआ. बाग़ियों के ग्रुप ने 2016 के बाद एक बार फिर शहर पर कब्दा कर लिया है. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इस दौरान हुई हिंसा में 200 लोग मारे गए हैं.


2016 से अब तक नहीं हुई थी ऐसी हिंसा


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अलेप्पो, जो ऐतिहासिक तौर पर सीरिया के सबसे बड़े शहरों में से एक और एक महत्वपूर्ण कमर्शियल सेंटर है, उसने 2016 के बाद से ऐसा हमला नहीं देखा. इस दौरान रूसी सेना के एक भयंकर एयर ऑपरेशन से राष्ट्रपति बशर अल-असद को शहर पर दोबारा कंट्रोल पाने में मदद मिली थी. उस दौरान भी विद्रोही बलों ने शहर पर कब्जा किया हुआ था. 


अब, आक्रमण का यह नया दौर सीरिया में चला है, जिसकी वजह से पूरी तरह से अस्थिरता पैदा हो गई है. अलेप्पो में दोबारा हिंसा ऐसे वक्त में हुई है जब जियो पॉलिटिकल लैंडस्केप पहले से ही तनावपूर्ण है, खास तौर पर मिडिल ईस्ट इलाके में, जहां इजरायल-हमास जंग और लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ अमेरिका समर्थित संघर्ष चल रहा है, दोनों ही संगठनों के ईरान के साथ मजबूत संबंध हैं.


कम नहीं आंकनी चाहिए ये लड़ाई


अलेप्पो में लड़ाई के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता, क्योंकि यह संघर्ष प्रभावित सीरिया में सत्ता के स्ट्रक्चर को बदल सकता है, जहां राष्ट्रपति बशर अल-असद एक दशक से अधिक समय से उन्हें हटाने की मांग कर रही विपक्षी ताकतों को दूर रखने में कामयाब रहे हैं. इस संघर्ष के कारण लगभग पांच लाख लोगों की मौत हुई है और लगभग 6.8 मिलियन सीरियाई लोगों को देश छोड़कर भागना पड़ा है. इस ग्रुप में हुए माग्रेशन ने यूरोपीय राजनीति को प्रभावित किया है.


सीरिया में किसका शासन?


मौजूदा वक्त में, सीरिया का लगभग 30 फीसद हिस्सा जो असद के कंट्रोल में नहीं है, विपक्षी गुटों और विदेशी सैनिकों के मिश्रण के जरिए शासित है. संयुक्त राज्य अमेरिका के लगभग 900 सैन्यकर्मी नॉर्थईस्ट सीरिया में तैनात हैं. इसके साथ ही तुर्की की सीरिया में भी सैन्य मौजूदगी है और वह अलेप्पो में लड़ रहे विपक्षी समूहों के गठबंधन को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.


सीरिया में क्या हो रहा है?


हाल ही में अलेप्पो में हुए हमले में सबसे आगे हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नाम का एक ग्रुप है, जिसे अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने शुरू से ही आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है. इसका नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी संघर्ष के शुरुआती दौर में अल-कायदा की सीरियाई शाखा के प्रमुख के तौर पर उबरा था. गोलानी और उसका संगठन कई हमलों के लिए जिम्मेदार रह चुके हैं, जिनमें बम विस्फोट और पश्चिमी सेनाओं के खिलाफ धमकियां शामिल हैं.


हालांकि, पिछले कुछ सालों में आए बदलाव के तहत गोलानी और एचटीएस ने अपने कंट्रोल वाले इलाकों में शासन पर ध्यान केंद्रित करके अपनी छवि को नया आकार देने का काम किया है.