दोस्तों ने मिलकर लग्जरी कारों को ही ऑक्सीजन अस्पताल में किया तब्दील, अब मुफ्त में दे रहे हैं सर्विस
Advertisement

दोस्तों ने मिलकर लग्जरी कारों को ही ऑक्सीजन अस्पताल में किया तब्दील, अब मुफ्त में दे रहे हैं सर्विस

कोरोना के इस दौर में उन दोस्तो के काम करने के तौर तरीके अलग अलग हैं, क्योंकि वे यह यकीनी बनाने के लिए हर घर का दौरा कर रहे हैं कि कोई आदमी ऑक्सीजन की कमी से न मरे.

फाइल फोटो

जयपुर: तालीम के शहर कोटा के पांच दोस्तों ने अपनी तीन लक्जरी कारों को इमरजेंसी अस्पताल में बदल दिया है और वह अब इन गाड़ीयों कि जरिए कोरोना के मरीज़ों के मुफ्त में ऑक्सीजन फराहम कर रहे हैं.

ये आइडिया 44 साल के चंदेश गुहिजा था जिन्होंने कभी कोटा में एक कार सर्विस सेंटर चलाया था, जब उन्होंने ऑक्सीजन और दवाओं की तलाश में लोगों को इधर उधर भागते देखा. उन्होंने अपने चार दोस्तों आशीष सिंह, भरत समनानी, रवि कुमार और आशू कुमार के साथ मिलकर तीन लग्जरी कारों को उन मरीजों के लिए इमरजेंसी अस्पताल में बदल दिया, जिन्हें ऑक्सीजन वार्ड में बेड नहीं मिल पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: रेहड़ी पर लात मारकर SHO ने गिराई सब्जियां, DGP ने लिया बड़ा एक्शन, हो रही है तारीफ, देखें VIDEO

 

चंद्रेश ने कहा कि मौजूदा हालात में, वे तीन कारों का इस्तेमाल कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर मरीजों की खिदमत करने के लिए इस तरह की और कारें मिलेंगी. जबकि एक कार उसके पास है, दूसरी कार उसके भाई की है और तीसरी कार उसके चाचा की है.

फिलहाल दो कारें एंबुलेंस के तौर में काम कर रही हैं और सभी कारों में गैस किट लगाई गई है. कार के एसी को उस समय तक लगाना पड़ता है जब तक मरीज़ को ऑक्सीजन की फराहमी नहीं की जाती है. चंद्रेश ने कहा कि इस सर्विस के लिए रोज़ोना के खर्च लगभग 5000 रुपये 7000 आता है जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर की लागत शामिल है, जिसके लिए वे सारे दोस्त मिलकर पैसे जमा करते है और सामान लेते हैं.

उन्होंने कहा कि कार में एक सिलेंडर तीन मरीज़ों को ऑक्सीजन फराहम कर सकता है और हम घंटों तक कतार में खड़े रहने के बाद 3 ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतज़ाम करने के अहल हैं. जरूरतमंद लोग हमें फोन करना जारी रखते हैं, लेकिन हर शख्स की मदद करना मुश्किल हो रहा है.

ये भी पढ़ें: Bengal violence: हिंसा में अब तक 16 लोगों की मौत, ममता बनर्जी ने परिजनों के लिए किया मुआवज़े का ऐलान

पिछले 10,12 दिनों से, हम मरीजों के परिवारों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर की फराहमी कर रहे हैं. हालांकि, इसमें ज्याद वक्ता लग रहा है और कम मरीज पहुंच रहे है इसलिए हमने कारों को ऑक्सीजन की फराहमी करने वाले गड़ियों में बदल दिया.

कोरोना के इस दौर में उन दोस्तो के काम करने के तौर तरीके अलग अलग हैं, क्योंकि वे यह यकीनी बनाने के लिए हर घर का दौरा कर रहे हैं कि कोई आदमी ऑक्सीजन की कमी से न मरे. सर्विस चाहने वालों को कार में डालकर उन्हें ऑक्सीजन की फराहमी की जाती है. उनकी गाड़ी भी ऐसे मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं. उनकी एम्बुलेंस अस्पताल में तब तक खड़ी रहती है जब तक कि मरीज भर्ती नहीं हो जाता या डॉक्टरों की जानिब से देख नहीं लिया जाता. कोटा के उन पांच दोस्तों ने इन कठिन समयों में मुफ्त सेवा देने के लिए अपने फोन नंबर भी अवाम में बांट दिए हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)

Zee Salam Live TV:

Trending news