हिंद-पाक के दरमियान सरहद में तनाव के बीच, सरहद पार से भी करीब 80 जायरीन का काफिला उर्स में शिर्कत करने के लिए हाज़िर हो चुका है. इन्हें भारत सरकार ने वीजा जारी किया है.
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नई दिल्ली/शोएब रज़ा: कौमी दारुल हुकूमत दिल्ली में निजामुद्दीन औलिया के 718 वे उर्स की शुरुआत हो गई है. उर्स 26 नवंबर तक चलेगा जिसमें देश और विदेश से जायरीन जियारत करने आ रहे हैं . कल और उसमें 60 पाकिस्तानी जायरीन में पहुंचे आज भी उसने खूब रौनक देखने को मिलेगी.
वहीं, हिंद-पाक के दरमियान सरहद में तनाव के बीच, सरहद पार से भी करीब 80 जायरीन का काफिला उर्स में शिर्कत करने के लिए हाज़िर हो चुका है. इन्हें भारत सरकार ने वीजा जारी किया है. यह तब हुआ है जब पाकिस्तान ने तारीखी करतारपुर गुरुद्वारा जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को अनुमति दी है.
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जानकारी के मुताबिक, इसके अलावा किसी दूसरे देश के जायरीन इस साल उर्स में शामिल नहीं होंगे. वर्ष 2016 में उरी सेना कैंप पर आतंकियों के हमले के बाद से पड़ोसी मुल्क से रिश्ते बेहद खराब दौर में हैं. तब से निजामुद्दीन दरगाह पर किसी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का आना नहीं हो रहा था.
वहीं, भारत में पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त आफताब हसन खान ने निजामुद्दीन औलिया के उर्स के मौके पर दर्गाह में किरकत की. उसके साथ 50 से ज्यादा पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों थे. मार्च 2020 के बाद से भारत आने वाले पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों का यह जत्था पहला ऐसा जत्था था.
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इस मौके पर फताब हसन खान ने कहा, "यह एक अच्छा शगुन है कि लोग बातचीत कर रहे हैं और अधिक लोगों को जाना चाहिए, भारत से लोगों को पाकिस्तान जाना चाहिए और पाकिस्तान के लोगों को भारत आना चाहिए. हम पाकिस्तानी उच्च स्तर पर एक बहुत उदार वीजा व्यवस्था का पालन कर रहे हैं. आयोग और हम पाकिस्तान जाने के इच्छुक भारतीय आवेदकों को ज्यादा से ज्यादा तादाद में वीजा जारी करते हैं. इसलिए, उम्मीद है कि मुस्तकबिल हालात और बेहतर होंगे.'
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