Udaipur Files Film: मुसलमानों को टार्गेट करने को 'कश्मीर फाइल्स' की तरह आ रही एक नई फिल्म; उलेमा परेशान!
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2822365

Udaipur Files Film: मुसलमानों को टार्गेट करने को 'कश्मीर फाइल्स' की तरह आ रही एक नई फिल्म; उलेमा परेशान!

Udaipur Files Films:   राजस्थान में कन्हैया लाल की हत्या पर उदयपुर फाइल्स फिल्म बनी है. यह फिल्म आगामी 11 जुलाई को रिलीज होनी है, लेकिन मुस्लिम संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं. मुस्लिम संगठन मिल्ली काउंसिल के यूथ विंग ने इस फिल्म के खिलाफ इल्जाम लगाते हुए कहा कि 'उदयपुर फाइल्स', 'कश्मीर फाइल्स' की तरह एक प्रोपेगेंडा फिल्म है, जिसमें इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की गई है. साथ ही पैगम्बर मुहम्मद (स.) के दामन पर दाग लगाने की कोशिश की गई है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें. 

Udaipur Files Film: मुसलमानों को टार्गेट करने को 'कश्मीर फाइल्स' की तरह आ रही एक नई फिल्म; उलेमा परेशान!

Rajasthan News: भारतीय जनता पार्टी के नेता नुपुर शर्मा ने साल 2022 में पैगम्बर मुहम्मद (स.) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हुए थे. साथ ही उस वक्त हिंसा की घटनाए भी हुई थी, जिसमें राजस्थान के उदयपुर में एक टेलर कन्हैया लाल की एक मुस्लिम व्यक्ति ने यह इल्जाम लगाते हुए हत्या कर दी थी कि कन्हैया लाल ने नुपुर शर्मा के समर्थन किया और उस विवादित क्लिप को अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लगाया है. अब इस घटना पर उदयपुर फाइल्स नाम से एक फिल्म बनाई गई. मुस्लिम संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं और लोगों से बायकॉट करने की अपील की है. 

ऑल इंडिया मिली काउंसिल के यूथ विंग के कॉर्डिनेटर मौलाना अब्दुल मलिक ने इस फिल्म को बायकॉट करने की अपील की है. साथ ही बहुसंख्यक समाज से अपील की है कि वह इस नफरती फिल्म के खिलाफ आवाज उठाए और भारत की एकता को बचाने में अपनी भूमिका निभाए. मौलाना अब्दुल मलिक ने 'उदयपुर फाइल्स' को मुस्लिम समाज के खिलाफ नफरत और प्रोपेगेंडा फैलाने वाली फिल्म करार दिया है. 

उन्होंने कहा है कि यह फिल्म मुसलमानों और इस्लाम को टार्गेट करने और बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि इस नफरती फिल्म के ट्रेलर से पता चलता है कि यह भी 'द कश्मीर फाइल्स', 'केरला फाइल्स' की तरह ही एक नई कड़ी है, जिसका मकसद मुल्क के माहौल को जहरीला करना और मुसलमानों के खिलाफ नफरत का बाज़ार गर्म करना है.'  

मौलाना अब्दुल मलिक ने कहा कि इस फिल्म में दारुल उलूम देवबंद जैसे वैश्विक तालिमी इदारे को शिद्दतपशंदी से जोड़ने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस फिल्म में पैगम्बर मुहम्मद (स.) के दामन को दागदार करने की कोशिश की गई है. 

 मुस्लिम माइनॉरिटी की ऐसी ही खबरों के लिए विजिट करें https://zeenews.india.com/hindi/zeesalaam

Trending news

;