संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Sansad) सोमवार 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा. इससे पहले इतवार को सरकार के जरिए बुलाए गए सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में विपक्षी दलों (Opposition Leader ) ने सरकार से विभिन्न मुद्दों पर कानून बनाने और चर्चा कराए जाने की मांग की.
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नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament ) से पहले सरकार की तरफ से इतवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में अधिकतर विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus Controversy ) महंगाई (Dearness) किसानों (Farmers ) न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) की गारंटी को लेकर कानून बनाए जाने, बेरोजगारी, लद्दाख में चीन के अतिक्रमण सहित कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा किए जाने की मांग की. इसके साथ ही विपक्ष ने सरकार को रचनात्मक मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया. सरकार ने विपक्षी दलों को आश्वस्त किया कि वह विपक्ष के सकारात्मक सुझावों पर विचार करने और नियमों के तहत अध्यक्ष और सभापति की अनुमति से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है. गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा.
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद नहीं थे
सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चैधरी, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक नेता टी आर बालू, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र, बीजद के प्रसन्न आचार्य, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता विनायक राउत आदि मौजूद थे. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित नहीं थे.
बैठक में 15-20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई
बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में 15-20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. सभी दलों ने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने पर सरकार तुरंत ध्यान दे. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिजली संशोधन विधेयक पर भी सरकार से ध्यान देने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उनसे कहा कि कुछ विधेयकों को पेश करने के बाद वह उसे संसद की स्थाई समिति को भेजना चाहती है और इस बारे में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में तय हो जाएगा.
कोविड में जान गंवाने वालों के लिए मुआवजे की मांग
खड़गे ने कहा कि हम सरकार को सहयोग करना चाहते हैं. अच्छे विधेयक आएंगे, तब हम सरकार का सहयोग करेंगे. अगर हमारी बात नहीं मानी (चर्चा को लेकर) गई, तब सदन में व्यवधान की जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि हमने सरकार से मांग की है कि कोविड महामारी के कारण जान गंवाने वालों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को भी मुआवजा दिया जाए. खड़गे ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि बैठक में प्रधानमंत्री आएंगे, लेकिन किसी कारण से वह नहीं आए. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से कृषि कानूनों को लेकर कुछ बातों पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे.
बैठक में विभिन्न दलों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया. इसमें विभिन्न विषयों पर रचनात्मक चर्चा हुई और विपक्ष की तरफ से कुछ अच्छे सुझाव आए. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सकारात्मक सुझावों पर विचार करने और नियमों के तहत अध्यक्ष एवं सभापति की अनुमति से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है. जोशी ने कहा कि हमने अपील की है कि सदन में बिना किसी व्यवधान के कामकाज हो. विपक्ष ने भी आश्वस्त किया है कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे.
बैठक छोड़कर बाहर निकल गए आप के संजय सिंह
वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह बीच में ही बैठक छोड़कर बाहर निकल गए. सिंह ने कहा कि वे बैठक में किसानों, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के विषय को उठा रहे थे, लेकिन बीच में ही टोका-टोकी की गई. सिंह ने इल्जाम लगाया कि कि संसद में भी नहीं बोलने दिया जाता है और यहां बैठक में भी टोका-टोकी की गई. ऐसे में बैठक में रहने का कोई अर्थ नहीं है. विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने, संघीय ढांचे और महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा भी उठाया.
बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने 10 बिन्दुओं को उठाया
समझा जाता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं-सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने लाभकारी सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाने का मुद्दा भी उठाय. बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने 10 बिन्दुओं को उठाया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, संघीय ढांचे का मुद्दा, मुनाफा कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश, कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने, संघीय ढांचे, कोविड-19 की स्थिति तथा महिला आरक्षण विधेयक आदि का मुद्दा शामिल है.
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