असदुद्दीन ओवैसी ने कहा जिसका इन्तेकाल वबा की वजह से होता है इस्लाम में उसका दर्ज़ा शहादत का होता है
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हैदराबाद : कोरोना से पूरी दुनिया में पैर पसार चुका है.कोरोना से मुतास्सिरीन की तादाद में बड़ी रफ्तार से इजाफा हो रहा है. चीन के वुहान से निकले इस वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है.इस खौफनाक वायरस से मरने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है जिसको लेकर WHO ने भी अपनी परेशानी ज़ाहिर की थी.हिंदुस्तान में भी कोरोना के दो हज़ार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.AIMIM सद्र असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि इस्लाम में जिसका इन्तेक़ाल वबा से होता है हो शहीद होता हो जाता है.
Jis insaan ka inteqaal waba ki wajah se hota hai, Islam mein uska darja shaheed ka hota hai. Shuhadah ko ghusl aur kafan ki zaroorat nahi hoti aur unhein jald se jald dafan kiya jaana chahiye https://t.co/lmQJxf30cZ
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 2, 2020
इससे पहले तबलीगी जमात पर उठ रहे सवाल को लेकर भी ओवैसी ने अपनी राय पेश की थी. उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस से तबलीगी जमात के जिन 8 लोगों की मौत हुई है, वो शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि जो 8 लोग शहीद हुए हैं, उनमें से 4 लोगों का पूरा परिवार कोरोना से मुतास्सिर है। हुकूमत उन सभी को क्वारंटाइन में रख रही है. ओवैसी ने सभी मज़हब के लोगों से अपील कर रहा हूं कि सब एक होकर इस वायरस से मुकाबला करें.
AIMIM पार्टी सद्र और हैदराबाद से एमपी असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कोरोना मुतास्सिर मरीजों के अंतिम संस्कार या दफनाने को लेकर बनाए गए नियमो को लेकर तेलंगाना हुकूमत का शुक्रिया अदा किया है. साथ ही उन्होंने मुल्कभर के मुस्लिमों के सामने 'सोशल डिस्टेंसिंग' को लेकर भी अपनी बात रखी. असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, 'दफनाए जाने के दौरान किसी भी कीमत पर पांच से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए. किसी को खोना हमारे लिए बेहद मुश्किल होता है लेकिन ये भी याद रखना है कि आप अपने आसपास के लोगों के लिए भी बड़ी जिम्मेदारी रखते हैं. उन्हें खतरे में नहीं डालें.
Also thankful to @TelanganaCMO & Govt of Telangana for taking onboard these necessary inputs.
It is incumbent on all Muslims to ensure that namaz-e-janazah is not a crowded affair. Ideally 2 people should participate in the tatfeen & offer namaz-e-janazah at graveyard itself
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 2, 2020
उन्होंने कहा कि COVID19 से मरने वाले लोग शहीद होते हैं। शहीदों को दफन करने के लिए कफन (कफन) या ग़ुस्ल (सफाई) की ज़रूरत नहीं होती है।कोरोना से हुई मौत के बाद लाश को घर नहीं लाना चाहिए, हॉस्पिटल में नमाज़ पढ़कर फौरन कब्रिस्तान ले जाना चाहिए ओर दफना देना चाहिए.घर लाने से बीमारी का खतरा बढ सकता है.
असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना हुकूमत की ओर से जारी की गई गाइडलाइन को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि 'तेलंगाना में कोरोना मुतास्सिर मरने वालों के अंतिम संस्कार और दफनाने के लिए यह कुछ नियम बनाए हैं. महत्वपूर्ण सुझावों के लिए मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी, मुफ्ती खलील अहमद, हामिद मोहम्मद खान, मौलाना हाफिज पीर शब्बीर और मुफ्ती घियास का शुक्रिया अदा करता हूं.उन्होंने कहा कि सबको मिलकर इस जंग को जीतना है.
Hum sabko ek hokar iss virus ka muqaabla karna hai - Barrister @asadowaisi pic.twitter.com/SvKzxcOSr6
— AIMIM (@aimim_national) April 2, 2020
असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी कहा कि जब तक यानि 15 अप्रैल तक लॉक डाउन है तब तक घर पर ही जुमे और जुहर की नमाज़ घर पर अदा करें. मस्जिदों में 4 या 5 लोग नमाज़ पढ़ेंगे . सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए भीड़ जमा नहीं करने के निर्देश दिए.उन्होंने कहा कि मस्जिद बंद रहेगी. आप क्यों मौत को गले लगा रहे हैं.
Sirf pichhla Jum'ah nahi, aage aane waale har ek jum'ah mein meri appeal hai ke aap ghar par zuhur padhein aur masjid mein bas 5 log ki jamaat banayein - Barrister @asadowaisi pic.twitter.com/ERA6X0yt4G
— AIMIM (@aimim_national) April 3, 2020
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