असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मोदी सरकार पर हार के डर से कृषि कानूनों की वापसी का आरोप लगाते हुए सीएए कानून को भी वापस लेने की मांग की है.
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नई दिल्ली: कृषि कानून विड्रॉल बिल-2021 दोनों सदनों से पारित हो गया है. लेकिन इसके बाद भी सरकार और विरोधी दलों की तकरार थमती दिखाई नहीं दे रही है. कृषि कानून निरसन विधेयक-2021 को बिना चर्चा पारित करवाने के लिए पहले से ही सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं. वहीं AIMIM चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मोदी सरकार पर हार के डर से कृषि कानूनों की वापसी का आरोप लगाते हुए सीएए कानून को भी वापस लेने की मांग की है.
असदुद्दीन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो एस पी सिंह बघेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े हृदय का परिचय देते हुए अच्छी भावना के साथ कुछ किसानों की मांग को मानते हुए इन कानूनों को वापस लेने का वादा किया था, जिसे सरकार ने निभाया है. उन्होंने कहा कि जहां तक ओवैसी साहब के बयान का सवाल है उत्तर प्रदेश में कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में होने जा रहे विधान सभा चुनावों के मद्देनजर विपक्ष फिलहाल किसानों से जुड़े मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहता है. असदुद्दीन ओवैसी भी उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में पूरे दम-खम के साथ उतरने की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए वो कृषि कानूनों की वापसी के बहाने सीएए का मुद्दा उठाकर अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं.
देखें वीडियो
Government repealed farm laws because it was afraid of political loss ahead of Assembly elections in various states https://t.co/61p8fdX7SE
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 29, 2021
इससे पहले सोमवार को ही हंगामे के बीच सरकार ने लोक सभा और राज्य सभा दोनों सदनों से ही कृषि कानूनों की वापसी का बिल पारित करवा लिया. बिना चर्चा के बिल पारित करवाने को लेकर विरोधी दलों ने एक सुर में सरकार पर निशाना साधा, लेकिन पलटवार करते हुए सरकार ने यह तर्क दिया कि किसान संगठन और विपक्षी दल भी जब तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे थे और सरकार इन मांगों को मानते हुए ही वापसी का यह विधेयक लेकर आई है तो फिर ये दल हंगामा क्यों कर रहे हैं.