सोमवार को वैशाली से शुरू हो रही लोजपा की 'आशीर्वाद यात्रा', चिराग गुट पारस को दिखाएगा दम
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सोमवार को वैशाली से शुरू हो रही लोजपा की 'आशीर्वाद यात्रा', चिराग गुट पारस को दिखाएगा दम

चिराग पासवान सोमवार को सुबह 11 बजे दिल्ली से पटना के लिए निकलेंगे. दोपहर 1.10 बजे वह पटना हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव आमबेडकर के मुजस्समे पर गुलपोशी कर खिराजे अकीदत पेश करेंगे.

चिराग पासवान बाएं और पशुपति पारस

नई दिल्लीः लोक जनशक्ति पार्टी के मरहूम नेता और साबिक मरकजी वजीर रामविलास पासवान की यौमे पैदाइश के मौके पर 5 जुलाई सोमवार से 'आशीर्वाद यात्रा' निकाली जाएगी. ये यात्रा लोक जनशक्ति के दूसरे गुट के नेता चिराग पासवान की अगुवाई में निकलेगी और इसका मकसद पार्टी और चिराग पासवान  के लिए अवाम का हिमायत हासिल करना है. इसके साथ ही चिराग पासवान गुट पारस को अपनी ताकत का एहसास भी कराना चाह रहा है. यात्रा शुरू होने के पहले चिराग पासवान के लिए उनके हिमायती घूम घूम कर समर्थन जुटा रहे हैं. चिराग पासवान 5 जुलाई को हाजीपुर से ही आशीर्वाद यात्रा शुरू करने वाले हैं. चिराग के लिए हाजीपुर इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि 5 सांसदों को लेकर अलग हुए उनके चाचा पशुपति पारस का यह संसदीय क्षेत्र है और चाचा से अभी उनकी आरपार की लड़ाई चल रही है. 

यात्रा की शुरूआत कब और कैसे होगी 
चिराग पासवान सोमवार को सुबह 11 बजे दिल्ली से पटना के लिए निकलेंगे. दोपहर 1.10 बजे वह पटना हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव आमबेडकर के मुजस्समे पर गुलपोशी कर खिराजे अकीदत पेश करेंगे. पटना के कुछ रास्तों से रैली निकालते हुए वह 2.20 बजे हाजीपुर पहुंचकर बाबा चैहरमल की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. वह शाम 6.30 बजे तक वैशाली में कयाम करेंगे. उधर, पशुपति पारस ने यात्रा को लेकर तंकीद की है. 

दो गुटों में बंट चुकी है पार्टी 
हाजीपुर लोकसभा सीट कभी लोजपा के बानी और चिराग के पिता मरहूम रामविलास पासवान का गढ़ माना जाता था. राम विलास पासवान यहां से सांसद होते थे, लेकिन फिलहाल पशुपति पारस वहां से सांसद हैं. वहीं चिराग पासवान जमुई सीट से सांसद हैं. पशुपति पारस ने हाल ही में चिराग को हटाकर लोजपा के संसदीय दल के नेता का ओहदा लोकसभा में हासिल किया है और पार्टी के अन्य मौजूदा सांसद भी उनका समर्थन कर रहे हैं. इसके बाद पारस लोजपा के इस टूटे हुए गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुने गए हैं जबकि चिराग खुद को पार्टी का कौमी सदर बता रहे हैं. लोजपा में चाचा और भतीजे के ये लड़ाई फिलहाल चुनाव आयोग के पास है. चुनाव आयोग को दोनों नेताओं के दावों की जांच कर फैसला देना है.

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