Assam-Meghalaya Border Dispute: असम-मेघालय बॉर्डर पर एक बार फिर से हिंसा की आग भड़क उठी है. असम के वेस्ट कार्बी आंगलोग ज़िले में असम-मेघालय बॉर्डर पर कथित तौर पर ग़ैर क़ानूनी तौर पर लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को मंगल की सुबह असम के वनकर्मियों के ज़रिए रोकने के बाद भड़की हिंसा में छह लोगों की जान चली गई और कई लोग ज़ख़्मी हो गए. जान गंवाने वालों में फॉरेस्ट वर्कर्स भी शामिल हैं. दरअसल, बॉर्डर से सटे जंगल से कुछ लोग ट्रक में ग़ैर क़ानूनी तौर से लकड़ी भरकर ले जा रहे थे, तभी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम ने उन्हें मुकरोह के पास रोका तो मेघालय की तरफ़ से भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और इसके बाद हिंसा की आग भड़क उठी और मामले ने ख़तरनाक शक्ल इख़्तिआर कर ली जिसकी वजह से 6 लोग मौत के मुंह में चले गए. 


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होम मिनिस्टर मसले को करें हल: कांग्रेस
वहीं अब इस पूरे मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस चीफ़ मल्लिकार्जुन खड़गे ने असम-मेघालय बॉर्डर पर हिंसा में छह लोगों की मौत पर ग़म का इज़हार करते हुए उन्होंने बीजेपी को घेरा.  खड़गे ने कहा कि बीजेपी और उसकी कई सहयोगी दलों के पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को निराश किया है. खड़गे ने ट्वीट किया, "असम-मेघालय सीमा पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बहुत दुखी हूं, छह लोगों की जान चली गई". उन्होंने कहा, "यह सही वक़्त है कि हालात के ज़्यादा ख़राब होने से पहले होम मिनिस्टर दो स्टेट के बीच बॉर्डर के मसले को हल करें, अमन बरक़रार रहना चाहिए".


 




क्या है मामला ?
दरअसल, असम और मेघालय 884.9 किलोमीटर लंबा बॉर्डर शेयर करते हैं और दोनों के बीच 12 इलाक़ो को लेकर लंबे वक़्त से यह तनाज़ा चला आ रहा है. क्योंकि दोनों रियासतें इन इलाक़ों में अपना-अपना दावा ठोकती रहती हैं, यही वजह है कि बार-बार इन इलाकों से हिंसा की ख़बरें सामने आती रहती हैं और दोनों रियासतों की पुलिस में टकराव भी होता रहता है. असम-मेघालय बॉर्डर पर हिंसा की यह कोई पहली ख़बर नहीं है बल्कि दोनों रियासतों के बीच बॉर्डर को लेकर अक्सर आपसी तनाव की ख़बरें आती रहती हैं.


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