Assam News: सरकार ने हाल ही में पीएफआई पर शिकंजा कसा और उस संगठन को बैन कर दिया. आरोप लगा कि पीएफआई हथियारों की ट्रेनिंग देता है और एंटी सोशल एक्टिविटी में शामिल है. अब असम से एक वीडियो सामने आया है जिसमें कुछ नौजवानों को हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही है. बताया जा रहा है ये वीडियो बजरंग दल के जरिए कराए जा रहे प्रोग्राम का है, जहां सरेआम बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके साथ ही एक नेता स्टेज पर खड़े होकर धर्म विशेष को लेकर टिप्पणी करता नजर आ रहा है. अब ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि ये किस हद तक जायज है? क्या ये एंटी सोशल एक्टिविटी के दायरे में आता है या नहीं?


असम में नेता का नफरती बयान!


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असम के मंगलदाई जिले में चार दिनों से बजरंगदल का ट्रेनिंग कैंप जारी है. जिसमें नौजवानों को लड़ने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. लोग लाठी-भाला, तीर और कमान के जरिए ट्रेन किए जा रहे हैं. इस प्रोग्राम के दौरान बजरंगदल के सीनियर लीडर भी मौजूद रहे. जो अपनी नफरती भाषण से नौजवानों को संबोधित कर रहे हैं.


बजरंग दल नेता के कड़वे बोल


वीडियो में नेता नौजवानों को संबोधित करते हुए कहता है. "इस्लाम मुक्त भारत माने, ये इस्लाम भारत का नहीं है. भारत का अगर कोई है तो वह सनातन है. राम को कृष्ण की संस्कृति को मानने वाला. लोगों ने 2 धागे के आधार पर अपने सिर कलम करा दिए. प्यारे बजरंगियों ये देश हिंदुओं का है. जब मैं हिंदू की बात करता हूं, तो भारत मां की आराधना करने वाला, हिंदू माने अपने राम की जन्म भूमि को मुक्त कराने वाला. हिंदू माने मां बेटियों को सरक्षण देने वाला. ये भारत हिंदुओं का है सनातनियों का है."



मुल्ले का नहीं है ये देश


नेता ने आगे कहा-"प्रिय बजरंगियों ये देश किसी मुल्ले का नहीं. ये देश हिंदुओं का है. सलमा चाहती है.....तीन तलाक आ गया, सलमा चाहती है सूरत राय के घर में लव-कुश पैदा करना, सलमा भट्टी नहीं बनना चाहती, सलमा फैक्ट्री नहीं बनना चाहती. वोह हलाला से डरती है वह हिजाब उतारना चाहती है. हिजाब उतारकर उसे किसी गार्गी, सावित्री सीता बनाकर किसी राम के घर में लाओ. वह चाहती है अपना धर्म परिवर्तन करना और अपनी संस्कृति की ओर लौटना. वह फैक्ट्री बनकर दीन-ए-इलाही और जिहादी पैदा नहीं करना चाहती."


लोग कर रहे बजरंगदल नेता का विरोध


नेता के इस बयान का काफी लोग विरोध भी कर रहे हैं. कृषक मुक्ति संग्राम समिति के हिंदू नेता विद्युत सैकिया ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि असम में हम लोग कभी हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को तोड़ने नहीं देंगे. सरकार को देखना होगा कि जो इस तरह से अस्त्र की ट्रेनिंग ले रहे हैं, उन्हें रोक लगाया जाए.


रिपोर्ट- शरीफ उद्दीन अहमद