ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने वर्ष 2021 व 2022 के लिए क्रमशः 56वें और 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा कर दी है. 1933 में जन्में फूकन का असमिया साहित्य में विशेष स्थान है और उन्होंने कविता की 13 पुस्तकें लिखी हैं.
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नई दिल्लीः असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन (Nilmoni Phukan) को वर्ष 2021 के लिए और कोंकणी के साहित्यकार दामोदर मौउजो (Damodar Maujo) को वर्ष 2022 के लिए प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ’ पुरस्कार (Gyanpeeth Award) प्रदान किया जाएगा. भारतीय ज्ञानपीठ ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने वर्ष 2021 व 2022 के लिए क्रमशः 56वें और 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा कर दी है. विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रसिद्ध कथाकार व ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रतिभा राय की सदारत में हुई चयन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है. उसमें बताया गया है कि 1933 में जन्में फूकन का असमिया साहित्य में विशेष स्थान है और उन्होंने कविता की 13 पुस्तकें लिखी हैं.
साहित्य के बड़े अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं फूकन
फूकन को पद्मश्री, साहित्य अकादमी, असम वैली अवॉर्ड व साहित्य अकादमी फैलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है. विज्ञप्ति में बताया गया है कि 2022 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले मौउजो कोंकणी साहित्यिक परिदृश्य में चर्चित चेहरा हैं. 1944 में जन्में मौउजो ने करीब 50 साल के अपने लेखन करियर में छह कहानी संग्रह, चार उपन्यास, दो आत्मकथात्मक कृतियां और बाल साहित्य को कलमबद्ध किया है. उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, गोवा कला अकादमी साहित्य पुरस्कार, कोंकणी भाषा मंडल साहित्य पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.
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