Suar में गरजे आजम खान- कोई माई का लाल अब्दुल्लाह को नहीं हरा सकता, वजह भी बताई
Azam Khan in Suar Assembly Seat: स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को उपचुनाव होने हैं. ऐसे में सियासी पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हो रही है. इसी कड़ी में दिग्गज सपा नेता आजम खान भी शामिल हैं. उन्होंने अपने बेटे अब्दुल्लाह को लेकर बड़ी बात कह दी है.
Azam Khan in Suar: उत्तर प्रदेश की स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को उपचुनाव होने हैं. आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह आज़म की विधायकी रद्द होने के बाद यहां उपचुनाव हो रहे हैं. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की तरफ से अनुराधा चौहान को उम्मीदवार बनाया गया है. अनुराधा की हिमायत में आज़म खान जमकर प्रचार कर रहे हैं. हाल ही में हुई एक जनसभा को खिताब करते हुए आजम खान ने भारतीय जनता पार्टी जमकर निशाना साधा. साथ ही बेटे अब्दुल्लाह आज़म की सदस्यता रद्द होने पर कहा कि 150 करोड़ के हिंदुस्तान में कोई माई का लाल अब्दुल्लाह को नहीं हरा सकता.
कोई माई का लाल अब्दुल्लाह को नहीं हरा सकता:
सपा तमाम दिग्गज नेताओं ने प्रचार के लिए स्वार सीट से किनारा किया हुआ है. ऐसे में अकेले दम पर आजम खान ने कमान संभाली हुई है. जनसभा को खिताब करते हुए आजम खान ने अपने बेटे की विधायकी रद्द होने पर कहा,"तुम्हारे विधायक (अब्दुल्ला) की दो बार विधायकी इसलिए छीन ली, क्योंकि 150 करोड़ के देश में कोई माई का लाल अब्दुल्ला को नहीं हरा सकता था." आजम खान ने आगे कहा,"अब्दुल्लाह नाम अल्लाह का सबसे पसंदीदा नाम है."
"तमंचा लेकर लोगों को वोट डालने से रोका"
आजम खान आगे कहते हैं कि अरे मुल्क के बांटने वालों, रिश्तों को बांटने वालों, क्या पार्लियामेंट हमने हारी है? सीट यहां जीते तुम, तमंचा लेकर वोट डालने वालों को डराने वालो, घरों के अंदर ताला डालकर पुलिस का पहरा लगाने वालों, दिल्ली की सबसे बड़ी कुर्सी बैठने वाला बादशाह कहता है कि हमने रामपुर भी जीत लिया. ये है हमारी हैसियत कि हमारी हार और तुम्हारी फर्जी जीत का जिक्र करना पड़ा. इस दौरान आजम खान ने अपना मोबाइल दिखाते हुए कहा कि इसी मोबाइल में दरोगा का वीडियो, जिसमें वो तमंचा लेकर वोट डालने वालों को भगा रहा था.
3 वर्षों में 2 बार छिनी अब्दुल्लाह से विधायकी:
बता दें कि आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम ने पिछले विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से जीत हासिल की थी. लेकिन साल 2008 के एक मामले में उनको एमपीएमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद 15 फरवरी 2023 को उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. यह पिछले तीन वर्षों में दूसरी बार था जब अब्दुल्लाह आजम को अपनी विधायकी से हाथ धोना पड़ा था. इससे पहले फर्जी प्रमाण पत्र मामले में सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधायकी रद्द की गई थी.
क्या था 2008 का मामला:
दरअसल 29 फरवरी 2008 को आजम खान को पुलिस ने चैकिंग के लिए रोका था. यह घटना मुरादाबाद के छजलैट थाने की है. जिससे नाराज होकर आजम खान धरने पर बैठ गए थे. इस मामले में आजम खान, अब्दुल्लाह आजम समेत सपा के कई दिग्गज नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस मामले की वजह से अब्दुल्लाह आजम को दूसरी बार विधायकी से हाथ धोना पड़ा था.
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