Supreme Court on Azam Khan: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी कि उनके बेटे के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का जो केस चल रहा है उसे उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांस्फर किया जाए. इस अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है. इससे आजम खान को बड़ा झटका लगा है. आजम खान ने अपनी अर्जी में दलील दी थी कि उत्तर प्रदेश में उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा इसलिए उनसे जुड़े जितने भी मामले हैं वह यूपी के बहर ट्रांसफर किे जाएं.


यूपी से बाहर केस ट्रांफर करने की अपील


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आजम खान और उनके बेटे से जुड़ी सभी अर्जियों को उत्तर प्रदेश के बाहर ट्रांस्फर किए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल देने की कोई खास वजह नहीं दिखती. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को यूपी हाई कोर्ट जाने की सलाह दी. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को इस मामले पर जल्द सुनवाई करने के लिए हिदायत दी है. आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्लाह आजम खान की अर्जी पर सुनवाई से इंकार किए जाने के बाद यूपी हाईकोर्ट का रुख करना होगा. 


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पहले भी दर्ज हुए मामले


इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के खिलाफ दिसंबर में रामपुर पुलिस ने औरतों के खिलाफ बयानबाजी करने पर केस दर्द किया है. आजम खान ने रामपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम रजा के सपोर्ट में लोगों से वोट मांगा. इस दौरान उन्होंने महिलाओं के खिलाफ कथित बयानबाजी की. उन्होंने कहा कि "समाजवादी पार्टी ने कभी भी इंसानों को बांटने की कोशिश नहीं की. अभी आपके और मेरे साथ जो कुछ भी हो रहा है, वह गलत है. मैं चार बार मंत्री रहा. अगर मैंने इस तरह सरकार की शक्ति का इस्तेमाल किया होता, तब अजन्मे बच्चे अपनी मां से पूछते कि क्या उन्हें जन्म लेने की अनुमति मुझसे मिली है." आजम खान के इस बयान पर मकामी औरतों ने मुकदमा दर्ज कराया है.


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