Illegal Bangladeshi IN Jharkhand: झारखंड से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक डिटेशन सेंटर से तीन अवैध बांग्लादेशी फरार हो गए हैं. इस घटना के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. फरार बांग्लादेशी नागरिक में 2 महिलाएं हैं, और 1 मर्द है. झारखंड पुलिस इन फरार बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग ठिकानों पर छापा मार रही है, लेकिन अबतक कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी है. साथ ही हजारीबाग के उपायुक्त ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है.
दरअसल, झारखंड के हजारीबाग जिला मुख्यालय में जेपी सेंट्रल जेल स्थित डिटेंशन सेंटर से गुजिश्ता शुक्रवार की देर रात तीन बांग्लादेशी नागरिक फरार हो गए. घटना की जानकारी मिलने के बाद हजारीबाग के उपायुक्त खुद डिटेंशन सेंटर पहुंचे. वहां पर उन्होंने डिटेंशन सेंटर का निरीक्षण किया.
पुलिस ने किया था गिरफ्तार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फरार बांग्लादेशी नागरिकों के नाम रीना खान उर्फ फिना देवी, नजमुल और निपाह अख्तर खुशी हैं. हजारीबाग के उपायुक्त और दीगर अफसरों ने सेंटर पर कार्यरत कर्मियों से घटना के बारे में पूछताछ की है. दावा है कि तीनों बांग्लादेशी बगैर पासपोर्ट-वीजा के अवैध रूप से भारत में घुसे थे, जिसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था.
अलग-अलग जेल से लाए गए थे, आरोपी
तीनों आरोपियों की सजा पूरी हो गई थी, जिसके बाद उन्हें अलग-अलग तारीखों में हजारीबाग स्थित डिटेंशन सेंटर में रखा गया था. रीना खान को 4 फरवरी 2022 को यहां लाया गया था, जबकि अख्तर खुशी को 28 सितंबर 2024 और नजमुल को 1 मार्च 2025 को लाया गया था. तीनों इसके पहले राज्य की अलग-अलग जेलों में बंद थे.
पुलिस ने जारी किया फोटो, कई जिले को किया अलर्ट
तीनों को वापस बांग्लादेश डिपोर्ट करने के लिए पत्राचार किया गया था, लेकिन वहां की सरकार की ओर से इस दिशा में कोई रिस्पांस नहीं मिला, पुलिस ने इन तीनों का हुलिया और तस्वीरें जारी करते हुए विभिन्न जिलों की पुलिस को अलर्ट किया है.
इस सेंटर पर पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाए
इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं. हजारीबाग स्थित जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के डिटेंशन सेंटर से 8 मार्च, 2021 को दो बांग्लादेशी भाग गए थे. उनके नाम मोहम्मद जावेद उर्फ नूर और मोहम्मद जाहिद हुसैन थे. ये दोनों खिड़की का रॉड तोड़कर भाग निकलने में सफल रहे थे. 13 सितंबर 2021 को इसी सेंटर से म्यांमार का नागरिक मोहम्मद अब्दुल्ला भी भाग निकला था.