राजधानी दिल्ली में 2008 में हुए चर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर मामले (Batla House encounter case) में दिल्ली कोर्ट (Delhi Court) ने इंडियन मुजाहिद्दीन का आंतकी आरिज़ खान (Ariz Khan) को दोषी करार दिया है. 15 मार्च को सजा सुनाई जाएगी.
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दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 2008 में हुए चर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर मामले (Batla House encounter case) में दिल्ली कोर्ट (Delhi Court) ने इंडियन मुजाहिद्दीन का आंतकी आरिज़ खान (Ariz Khan) को दोषी करार दिया है. 15 मार्च को सजा सुनाई जाएगी. बता दें कि आरिज़ बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान शामिल था. तीन साल पहले उसे स्पेशल सेल ने नेपाल से गिरफ्तार किया था. आरिज पर भारत में अलग-अलग जगहों पर बम धमाके के आरोप हैं.
Delhi Court held guilty and convicted Ariz Khan in Batla House encounter case; says the prosecution has successfully proved the case
— ANI (@ANI) March 8, 2021
मौके से हो गए थे फरार
बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla House Encounter Case) के वक्त आरिज खान (Ariz Khan) अपने साथियों आतिफ अमीन, मोहम्मद साजिद उर्फ छोटा साजिद, मोहम्मद सैफ और शहजाद अहमद उर्फ पप्पू के साथ फ्लैट में मौजूद था. आरिज खान और शहजाद उर्फ पप्पू पुलिस टीम पर फायरिंग करके मौके से फरार हो गए थे. इसके बाद बाटला हाउस (Batla House Encounter) से फरार होने के बाद आरिज खान (Ariz Khan) और शहजाद उर्फ पप्पू ने दिल्ली, यूपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में शरण लेने के लिए घूमते रहे. लेकिन किसी ने इनको लंबे वक्त तक शरण नहीं दी.
नेपाल से हुई थी गिरफ्तारी
करीब एक महीने बाद दोनों अलग हो गए. इसके बाद आरिज खान ने अपने चाचा खुर्शीद आलम से संपर्क किया. चाचा खुर्शीद ने आरिज खान को नेपाल में निजामुद्दीन खान उर्फ निजाम खान का नंबर दिया. उस वक्त वह वाराणसी में था. वहां से आरिज खान बिहार गया और भारत-नेपाल बॉर्डर को पार करते हुए विराटनगर पहुंचा. निजाम खान की मदद से आरिज खान को नेपाल की नागरिकता मिल गई. नेपाल में आरिज खान ने मोहम्मद सलीम के नाम से अपना पासपोर्ट बनवा लिया. आरिज खान नेपाल में पलपा, कपिलवस्तु और गोरखा एरिया मेरहा. उसने वहां रेस्टोरेंट चलाया और बाद में उसी स्कूल में पढ़ाने लगा, जहां अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर पढ़ाता था.
यूपी में हुए बम धमाकों में भी था शामिल
जानकारी के अनुसार आरिज़ खान उर्फ जुनैद उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का मूल निवासी है. बाटला कांड के बाद वह कभी आजमगढ़ वापस नहीं गया. आरिज़ दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को गोली मारने के बाद फरार हो गया था. इसके अलावा आरिज़ पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ कोर्ट में 2007 में हुए ब्लास्ट में भी शामिल था. जानकारी के मुताबिक आरिज़ बम बनाने में माहिर है. वह उत्तर प्रदेश के फैजाबाद और वाराणसी बम धमाके में भी शामिल था.
बता दें कि 13 सिंतबर 2008 में दिल्ली के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, ग्रेटर कैलाश और करोल बाग में एक के बाद एक बम ब्लास्ट हुए थे. इस बम ब्लास्ट में 26 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 133 लोग घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस की टीम को जांच के दौरान पता चला कि इस घटना को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने अंजाम दिया.
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