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NDA की मीटिंग में चिराग पासवान को दावत से खफा HAM-JDU ने भाजपा को दिखाई आंखें

LJP सुप्रीमो चिराग पासवान ने बड़े ही धैर्य से चुनावी नतीजों को स्वागत किया, इंतजार किया अपने सही समय का और देखिए हुआ भी वही

फाइल फोटो
फाइल फोटो

आशिफ एकबाल: साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में कई अलग रंग देखने को मिले. जिस रंग की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वो था एनडीए से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का अलग होना. क्योंकि जिस तरीके से बिहार चुनावों में LJP ने एनडीए से अलग होकर जेडीयू के खिलाफ और भाजपा के साथ होकर चुनाव लड़ा उससे साफ जाहिर हो रहा था कि आने वाले दिनों में बहुत कुछ देखने को मिलेगा.

LJP सुप्रीमो चिराग पासवान ने बड़े ही धैर्य से चुनावी नतीजों को स्वागत किया, इंतजार किया अपने सही समय का और देखिए हुआ भी वही. क्योंकि आज  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की की अध्यक्षता में हुई एनडीए की मीटिंग के लिए LJP को भी दावत दी गई. बाकायदा पत्र लिखकर, फोन कर आमंत्रित किया गया था. भाजपा और जेडीयू के मनमुटाव के बीच यह भी साबित हो गया कि भाजपा ने एलजेपी को ज्यादा तरजीह दी और चिराग पासवान की पार्टी LJP अभी भी एनडीए का हिस्सा है.

जेडीयू ने किया विरोध
वहीं जेडीयू ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि चिराग पासवान को भी एनडीए का न्यौता देना बिल्कुल गलत है. हम LJP को NDA का हिस्सा नहीं मानते. जबकि जेडीयू चिराग पासवान को इंडिया का हिसाब नहीं मानती. बिहार विधानसभा चुनाव में LJP ने हमारे उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया और NDA को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा.

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जीतन राम मांधी का "हम" जताया विरोध
यह सब देखते ही हम पार्टी के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि भाजपा ने हमारे हमा लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हम भाजपा के इस फैसले से आहत हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब वे सरकार में रहेंगे या नहीं इसका फैसला जल्द ही उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांधी करेंगे. 

खामोश है भाजपा
इस सब पर सबसे बड़ी बात यह कि भाजपा की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया है. इन तमाम आरोपों पर मतलब साफ है कि बीजेपी चुप रहकर पूरा खेल देख रही है. क्योंकि बिहार की राजनीति में इस वक्त जिस तरह का उफान है उसमें यह कहना बिल्कुल मुमकिन है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है. आगे आने वाले दिनों में भी हंगामा बरकरार रहने की उम्मीद है.

विधानसभा चुनावों में भाजपा-जेडीयू में अलटा-पलटी
चुनाव के नतीजों में पिछली बार की अपेक्षा में इस बार जेडीयू नंबर दो पर और बीजेपी नंबर एक पर हो गई मतलब पूरे तरीके से गणित उल्टा हो गया क्योंकि पहले जेडीयू नंबर वन पार्टी थी और भाजपा दूसरे पायदान पर थी. बिहार एनडीए में लोजपा के अकेले या यूं कहें कि जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ने से जेडीयू को कई जगह भारी नुकसान हुआ और उसकी वजह से वह नंबर 1 से नंबर 2 की कुर्सी पर पहुंच गई.

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