ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद अंगीकार की गई दिल्ली घोषणा में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन में कोविड-19 टीका बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी छूट पर चल रही चर्चाओं का भी जिक्र किया.
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नई दिल्लीः ब्रिक्स देशों ने गुरुवार को उल्लेख किया कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति के अध्ययन में सहयोग कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई का एक महत्वपूर्ण पहलू है. उन्होंने राजनीतिकरण या हस्तक्षेप से मुक्त विज्ञान आधारित प्रक्रियाओं और नए रोगाणु के उद्भव के बारे में बेहतर समझ के लिए अंतरराष्ट्रीय क्षमताओं को मजबूत करने के प्रति समर्थन व्यक्त किया. शिखर सम्मेलन के बाद अंगीकार की गई दिल्ली घोषणा में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन में कोविड-19 टीका बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी छूट पर चल रही चर्चाओं का भी जिक्र किया. अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने इसके लिए प्रस्ताव पर जोर दिया. संबंधित प्रस्ताव दक्षिण अफ्रीका और भारत द्वारा प्रस्तुत किया गया था. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो ने भाग लिया.
चीन रोक रहा है दूसरी जांच
ब्रिक्स की घोषणा घोषणा डब्ल्यूएचओ-चीन की एक संयुक्त टीम द्वारा वुहान की यात्रा करने और विभिन्न स्थानों का दौरा करने के लिए वहां चार सप्ताह बिताने के महीनों बाद आई है. मार्च में, डब्ल्यूएचओ वायरस की उत्पत्ति पर एक रिपोर्ट लेकर आया था, लेकिन यह अमेरिका और कई अन्य प्रमुख देशों की अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल रहा था. चीन डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों की दूसरी जांच को रोक रहा है और इस बात पर जोर दे रहा है कि इस तरह की जांच में यह देखा जाना चाहिए कि वायरस एक ही समय में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उभरा, जबकि बीजिंग ने तो इसकी जानकारी सबसे पहले दी थी. उल्लेखनीय है कि नया कोरोना वायरस पहली बार 2019 के अंत में मध्य चीनी शहर वुहान में पाया गया था.
टीके पर हुई चर्चा, भारत की सराहना
शिखर सम्मेलन के अंत में जारी एक घोषणा में, समूह ने महामारी से लड़ने के लिए टीकों की वहनीयता और पहुंच के महत्व पर भी जोर दिया और इस बात को स्वीकार किया कि एक परस्पर एवं वैश्वीकृत दुनिया में, कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक कि सभी सुरक्षित न हों. विदेश मंत्रालय के सचिव संजय भट्टाचार्य ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि नेताओं ने व्यापक टीकाकरण और टीकों के विकास की जरूरत के बारे में बात की. उन्होंने रेखांकित किया कि अन्य सदस्य देशों ने टीकों के वितरण में भारत की भूमिका की सराहना की.
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