By-election: 3 लोस और 29 विस सीटों का मंगल को आएगा परिणाम; क्या इन नतीजों से बदलेगा सियासत का मिजाज़ ?
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1019401

By-election: 3 लोस और 29 विस सीटों का मंगल को आएगा परिणाम; क्या इन नतीजों से बदलेगा सियासत का मिजाज़ ?

यह चुनाव सिर्फ उप चुनाव भर नहीं है. इसके परिणाम आने के बाद जहां भाजपा और कांग्रेस के जनाधार का आकलन किया जाएगा वहीं क्षेत्रीय दलों के दमखम की भी परीक्षा होगी.

अलामती तस्वीर
अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः देश में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली में तीन लोकसभा सीटों और 29 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मंगलवार को मतगणना होगी. यह चुनाव सिर्फ उप चुनाव भर नहीं है. इसके परिणाम आने के बाद जहां भाजपा और कांग्रेस के जनाधार का आकलन किया जाएगा वहीं क्षेत्रीय दलों के दमखम की भी परीक्षा होगी. इस चुनाव परिणाम के बाद बिहार जैसे प्रदेश में सत्ता समीकरण बदलने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. अगर महागठबंधन की इसमें जीत होती है तो भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार के सेहत के लिए यह नुकसानदेह साबित हो सकता है. हालांकि इस चुनाव नतीजों से सबसे ज्यादा नफे-नुकसान का असर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को होना माना जा रहा है. 
इस चुनाव में तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा देने वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता अभय चैटाला, कांग्रेस के दिवंगत नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉलर ई. लिंगदोह और तेलंगाना के पूर्व मंत्री ई. राजेंद्र प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं जिनकी किस्मत का फैसला होना है.

किस राज्य में कितनी विस सीटें और किसके पास थी पहले 
विधानसभा उपचुनाव असम की पांच, पश्चिम बंगाल की चार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मेघालय की तीन-तीन, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान की दो-दो और आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम और तेलंगाना की एक-एक सीट के लिए मतदान हुआ था. इन 29 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास पहले करीब आधा दर्जन सीटें थीं, वहीं कांग्रेस के पास नौ सीटें और बाकी क्षेत्रीय पार्टियों के पास थीं.

इन राज्यों में इस वजह से खाली हुईं थी लोकसभा की सीटें 
जिन सीटों पर लोकसभा उपचुनाव हुए उनमें दादरा और नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश की मंडी और मध्य प्रदेश में खंडवा सीट शामिल है. तीनों लोकसभा सीटों के मौजूदा सदस्यों की मृत्यु हो गई थी. मंडी सीट गत मार्च में रामस्वरूप शर्मा (भाजपा) के निधन के बाद खाली हुई थी. खंडवा संसदीय सीट के लिए उपचुनाव भाजपा सांसद नंद कुमार सिंह चैहान के निधन के चलते करना जरूरी हो गया था, जबकि दादरा और नगर हवेली में, यह निर्दलीय लोकसभा सदस्य मोहन डेलकर के निधन के कारण कराना पड़ा है.

लोस चुनाव में इनकी किस्मत का होगा फैसला 
मंडी में प्रतिभा सिंह का मुकाबला भाजपा के खुशाल सिंह ठाकुर से है. दादरा और नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र से सात बार के निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर की पत्नी कलाबेन डेलकर शिवसेना उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं उनका मुकाबला भाजपा के महेश गावित और कांग्रेस के महेश धोडी से है.

पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉलर ई. लिंगदोह मैदान में 
मेघालय में, पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉलर ई. लिंगदोह यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के टिकट पर मावफलांग से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के पूर्व विधायक कैनेडी सी खैरीम और एनपीपी से जिला परिषद (एमडीसी) के मौजूदा सदस्य लम्फ्रांग ब्लाह से है. 

इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चैटाला के बेटे की परीक्षा 
हरियाणा में, केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में इनेलो के नेता अभय चैटाला के विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव करने की जरुरत पड़ी. इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चैटाला के बेटे चैटाला का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल और भाजपा-जजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा से है, जो हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख और विधायक गोपाल कांडा के भाई हैं.

तेलंगाना और असम में त्रिकोणीय मुकाबला
तेलंगाना के हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र में सत्तारूढ़ टीआरएस, विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. असम में सत्तारूढ़ भाजपा ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि अन्य दो सीटें गठबंधन सहयोगी यूपीपीएल के लिए छोड़ दी हैं. कांग्रेस ने सभी पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि उसके पूर्व सहयोगी एआईयूडीएफ और बीपीएफ क्रमशः दो और एक सीट पर चुनाव लड़ रही हैं.

पश्चिम बंगाल में भाजपा की इज्जत दाव पर 
पश्चिम बंगाल में, टीएमसी नेता उदयन गुहा दिनहाटा सीट पर फिर से जीत हासिल करना चाह रहे हैं, जिसे भाजपा ने गत अप्रैल के चुनाव में उनसे छीन लिया था. उपचुनाव निसिथ प्रमाणिक के इस्तीफे के बाद कराया गया जो अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं क्योंकि उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता बरकरार रखने का फैसला किया था. दिनहाटा और शांतिपुर उपचुनाव को भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है, जो वर्तमान में विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से जूझ रही है. भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने शांतिपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था.

राजस्थान में इनके बीच है कड़ा मुकाबला 
राजस्थान में वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और धारियावाड़ से भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा. वल्लभनगर में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने हिम्मत सिंह झाला को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने धारियावाड़ से नागराज मीणा को भाजपा प्रत्याशी खेत सिंह मीणा के खिलाफ मैदान में उतारा है.

Zee Salaam Live Tv

Trending news

;