Female aspirants in NDA entrance exam: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उम्मीद है कि बिना देरी किए महिलाओं को एनडीए में शामिल करने के लिए रास्ता हमवार करने की कोशिश की जाएगी.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए के एंट्री एग्जाम में महिला उम्मीदवारों को अगले साल से शामिल करने की इजाज़त देने के मरकज़ी हुकूमत की गुज़ारिश को बुधवार को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह नहीं चाहता कि महिलाओं को उनके हक से महरूम किया जाए और महिलाओं को एनडीए में शामिल करने के लिए एक साल तक इंतज़ार नहीं किया जा सकता है.
मरकज़ी हुकूमत ने पिछले रोज़ ही सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि महिला उम्मीदवारों को एनडीए में एंट्री एग्जाम में बैठने की इजाज़त देने वाली नोटिफिकेशन अगले साल मई तक जारी की जाएगी.
आज सुनवाई के दौरान जस्टिस एस के कौल की सदारत वाली पीठ ने कहा कि आपातकालीन सूरते हाल से निपटने के लिए सशस्त्र बल सबसे अच्छी प्रतिक्रिया टीम है और उम्मीद है कि बिना देरी किए महिलाओं को एनडीए में शामिल करने के लिए रास्ता हमवार करने की कोशिश की जाएगी.
अदालत ने कहा कि रक्षा विभाग को यूपीएससी के सहयोग से जरूरी काम करना चाहिए. कोर्ट ने याचिकाकर्ता कुश कालरा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मय प्रदीप शर्मा की दलीलों पर गौर किया और कहा कि वह महिलाओं को एनडीए में शामिल करने को एक साल तक इंतज़ार नहीं किया जा सकता है.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि महिलाओं के प्रवेश की सुविधा के लिए एक रिसर्च समूह का गठन किया गया है, और इसे सुविधाजनक बनाने के लिए जरूरी तंत्र मई 2022 तक लागू किया जा सकता है. एएसजी ने 14 नवंबर को होने वाली अगली एनडीए एंट्री एग्जाम को छोड़ने की अपील की.
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पीठ ने कहा, "हम आपकी समस्याओं को समझते हैं. मुझे यकीन है कि आप लोग समाधान खोजने के अहल हैं. एग्जाम देने के इच्छुक उम्मीदवारों की उम्मीदों को देखते हुए केंद्र से इस गुज़ारिश को कुबूल करना हमारे लिए मुश्किल है.'
पीठ ने कहा, "आर्म्ड सेवाओं ने बहुत कठिन सूरते हाल का सामना किया है. आपात स्थिति से निपटना उनकी तरबीयत का एक हिस्सा है. हमें यकीन है कि वे इस "आपातकालीन स्थिति" से पार पाने में भी अहल होंगे.'
(इनपुट- भाषा के साथ भी)
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