अब इन मज़दूरों को परेशान होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि अब हुकूमत इन मज़दूरों को इनकी मज़दूरी देगी. जिसके लिए हुकूमत ने 52,000 करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस से लगभग पूरे मुल्क में लॉकडाउन है और ऐसे में आम लोगों की ज़िंदगी मुतास्सिर हो रही है. इन बुरे हालात का सबसे ज्यादा सामना दिहाड़ी मज़दूरों को करन पड़ रहा है. लेकिन अब इन मज़दूरों को परेशान होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि अब हुकूमत इन मज़दूरों को इनकी मज़दूरी देगी. जिसके लिए हुकूमत ने 52,000 करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया है. इस से मुतअल्लिक सभी रियासती हुकूमत को इत्तेला दे दी गई है कि डीबीटी के ज़रिए उनके बैंक खातों में यह रकम भेजी जाए.
यूनियन लेबर मिनस्टर संतोष गंगवार ने सभी रियासतों को खत लिख कर कहा है कि कंस्ट्रक्शन के शोबे में काम करने वाले मज़दूरों को लॉकडाउन से बचाने के लिए उन्हें इक्तेसादी मदद मुहैया कराई जाए. उन्होने कहा है कि लेबर वेलफेयर बोर्ड के तहत सेस फंड 52,000 करोड़ रुपए है. इसे स्कीम के तहत रकम मज़दूरों के अकाउंट में सीधा ट्रांसफर करें.
मामले से मुतअल्लिका एक अफसर बताया कि बिलिंग एंड अदर कंस्ट्रकशन वर्कर सेस एक्ट के तहत सेस इक्टठा किया जाता है. इसकी देखरेख वर्कर वेलफेयर बोर्ड के पास होती है. ये वर्कर आमतौर पर दिहाड़ी वर्कर होते हैं, जो कोरोना लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी पर नहीं जा रहे और इनके सामने रोज़ाना की ज़रुरत पूरी करने में दिक्कत पेश आ रही हैं
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