Sambhal violence Accused: संभल हिंसा मामले में मुस्लिम पक्ष को कोर्ट ने दिया बड़ा झटका. हिंसा में शामिल मुस्लिमों को रहना होगा जेल के अंदर. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Sambhal violence Accused: पिछले साल 25 नवम्बर को संभल शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गयी थी, जिसमें 5 मुस्लिम नौजवानों की मौत हो गई थी. साथ ही कई लोग घायल भी हुए थे. हिंसा के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस पर गंभीर इल्जाम लगाया था. संभल हिंसा मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 78 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसी बीच मुस्लिम पक्ष ने अभियुक्तों की रिहाई के लिए चंदौसी एडीजी कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. बुधवार 5 फरवरी को चंदौसी एडीजी कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई है. इस मामले में मुस्लिम पक्ष को एडीजी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने याचिका में शामिल किसी भी मुल्जिम को जमानत देने से इंकार कर दिया है.
दरअसल, संभल हिंसा मामले में टोटल 78 मुस्लिम नौजवान जेल में बंद हैं. मुस्लिम पक्ष ने मुल्जिमों की रिहाई के लिए चंदोसी एडीजी कोर्ट में याचिका दायर की थी. मुस्लिम पक्ष ने याचिका में 13 मुस्लिमों की रिहाई की अपील की थी. लेकिन एडीजी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील को मंजूर नहीं किया है. फिलहाल सभी मुल्जिमों को जेल में ही रहना होगा.
इससे पहले भी मुस्लिम पक्ष ने चंदौसी एडीजी कोर्ट में 65 मुल्जिमों की जमानत के लिए याचिका दायर की थी. हालांकि उस वक्त भी मुस्लिम पक्ष को मायूसी हाथ लगी थी. उस वक्त भी एडीजी कोर्ट ने मुल्जिमों को जमानत देने से साफ मना कर दिया था. संभल हिंसा मामले में चंदौसी एडीजी कोर्ट अभी तक 78 मुल्जिमों की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. फिलहाल इन सभी मुल्जिमों को कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष नाखुश है.
गौरतलब है कि संभल हिंसा में पुलिस की भूमिका पर शुरू से ही सवालिया निशान लगते रहे हैं. संभल हिंसा का मामला जब तूल पकड़ा तो उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा की जांच के लिए एक जंच आयोग का गठन किया था. साथ ही सरकार ने जांच टीम को मामले की पड़ताल कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. हालांकि जांच आयोग अभी तक संभल हिंसा पर फाइनल रिपोर्ट नहीं सौंपी है.