नेशनल कैपिटल्स रीजनल ट्रांस्पोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) ने दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल सिस्टम के एक हिस्सो ठेका चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को दिया है.
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नई दिल्ली: भारत-चीन के दरमियान लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर जारी कशीदगी के बीच दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के एक सेक्शन का ठेका चीनी कंपनी को मिल गया है. यह कंपनी न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक की बीच 5.6 किलोमीटर के भूमिगत स्ट्रेच की तामीर करेगी.
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नेशनल कैपिटल्स रीजनल ट्रांस्पोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) ने दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल सिस्टम के एक हिस्सो ठेका चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को दिया है. क्योंकि पिछले साल जून में प्रोजेक्ट के लिए इस कंपनी ने सबसे कम बोली लगाई थी. उस वक्त इस बात को लेकर काफी विवाद हुआ ता जिसके बाद कंपनी के ठेके को रोक दिया गया था.
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क्या है दिल्ली-मेरठ RRTS प्रोजेक्ट
केंद्र की नरेंद्र मोदी हुकूमत ने दिल्ली और मेरठ के बीच सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के इस प्रोजेक्ट को फरवरी 2018 में मंजूरी दी थी. 82.15 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी आरआरटीएस (RRTS) को पूरा करने में कुल 30,274 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली और मेरठ तक के सफर में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा. 82.15 किलोमीटर लंबे आरआरटीएस में 68.03 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 14.12 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा.
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