नई दिल्ली: बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद पार्टी की कमान उनके बेटे चिराग पासवान के हाथों में है लेकिन अब पार्टी में बड़ी फूट पड़ चुकी है. पांच सांसदों के पार्टी से अलग होने के बाद लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान नाराज सांसदों को मनाने में जुट गए हैं. 


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चिराग पासवान से न मिलकर सोमवार को पशुपति पारस ने अपने सांसदों के साथ जाकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की है. स्पीकर को लोकसभा में लोजपा नेता के लिए पारस के नाम का खत सौंपा गया है जिसे 6 में से 5 सांसदों की हिमायत हासिल है. इस तरह अब पार्टी पर पशुपति पारस का वर्चस्व कायम हो गया है.


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"पार्टी तोड़ नहीं रहा हूं"
लोजपा में फूट पर बागी सांसद पशुपति पारस सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है. हमारी पार्टी के 6 में से 5 सांसद पार्टी को बचाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान मेरा भतीजा और पार्टी का अध्यक्ष है और मेरी उनसे कोई खिलाफत नहीं है. पारस ने कहा कि हमारे पांच सांसदों ने लोक सभा स्पीकर को एक लेटर सौंपा है और वक्त मिलने में हम उनसे मुलाकात करेंगे.


जेडीयू में जाने की अटकलों में पारस ने कहा कि यह सरासर गलत है, उन्होंने कहा कि लोजपा मेरी पार्टी है और बिहार में हमारा संगठन काफी मजबूत है. उन्होंने कहा कि हम केंद्र में एनडीए के साथ हैं और यह गठबंधन आगे भी जारी रहेगा.


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