बताया जा रहा है कि 'एक शख्स एक ओहदा' नियम ते तहत चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है.
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नई दिल्ली: चिराग पासवान (Chirag Paswan) को लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के कौमी सदर के पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह अब सूरजभान को एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया गया है. सूरजभान की निगरानी में पार्टी के नए सदर का चुनाव होगा. बताया जा रहा है कि 'एक शख्स एक ओहदा' नियम ते तहत चिराग को हटा दिया गया है. इसके बाद अब पांच दिनों के अंदर नेशनल एग्जीक्यूटिवक की बैठक बुला कर नए सदर का चुनाव कराया जाएगा.
Chirag Paswan has been removed from the post of national president of Lok Janshakti Party (LJP) pic.twitter.com/LwWc6zyxRU
— ANI (@ANI) June 15, 2021
उधर इस फैसले से नाराज चिराग के समर्थकों ने पटना में लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस में घुसकर सांसद पशुपति पारस के पोस्टर पर कालिख पोती और चिराग पासवान जिंदाबाद के नारे लगाए.
Bihar: Supporters of Chirag Paswan smear black ink on the posters of 5 LJP MPs including Pashupati Kumar Paras outside the party's office in Patna pic.twitter.com/J3K6KAhhXP
— ANI (@ANI) June 15, 2021
वहीं, चिराग गुट ने भी मंगलवार को पशुपति कुमार पारस के गुट पर पलटवार किया है. चिराग के समर्थन वाले धड़े ने पार्टी के पांच सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से भी हटा दिया है. लोजपा के 6 सांसद थे, इनमें से पांच ने बगावत कर लोकसभा स्पीकर से चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटाने की मांग की थी, जिसे कुबूल कर लिया गया और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras)को एलजेपी संसदीय दल का नया नेता चुना गया.
पशुपति पारस बन सकते हैं पार्टी के अध्यक
चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने के साथ चाचा और भतीजे के बीच सुलह समझौते की सारी संभावनाएं भी टूटती नजर आ रही हैं. माना जा रहा है कि पशुपति कुमार पारस 20 जून से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के नए अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे.
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"पासवान चाहें तो पार्टी में बने रह सकते हैं"
रिपोर्ट के मुताबिक लोक जनशक्ति पार्टी के नए एग्जीक्यूटिव चेयरमैन सूरज भान सिंह का कहना है कि पार्टी के बड़े नेताओं का बुधवार से पटना पहुंचने का सिलसिला शुरू होगा. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान चाहें तो पार्टी में बने रह सकते हैं. उनके मुताबिक लोगों का असली मकसद चिराग पासवान को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि पार्टी बचाना है.
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