"भाजपा ने उत्तराखंड को सियासी प्रयोगशाला बना दिया, जनता कभी भुला नहीं पाएगी"
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"भाजपा ने उत्तराखंड को सियासी प्रयोगशाला बना दिया, जनता कभी भुला नहीं पाएगी"

धस्माना ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड को अपनी राजनैतिक प्रयोगशाला बना दिया. यह तीसरी बार है जब उन्होंने किसी मुख्यमंत्री को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया

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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य की सिसायत गर्मा गई है. तीरथ सिंह रावत ने सीएम का पद छोड़ने के बाद आज तीसरे मुख्यमंत्री का ऐलान किया जा सकता है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों को हमलावर होने का मौका मिल गया है और वह लगातार राज्य सरकार पर निशाना साधने में लगी हैं. 

कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने इस मौके पर भाजपा के घेरे में लेते हुए कहा है कि उत्तराखंड को एक बार फिर अस्थिरता के मुंह में झोंकने का काम किया गया है. भाजपा को रिकॉर्ड 57 विधायकों का बहुमत मिला था लेकिन राज्य की जनता के साथ विश्वाशघात हुआ है और यह जनता भुला नहीं पाएगी.

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धस्माना ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड को अपनी राजनैतिक प्रयोगशाला बना दिया. यह तीसरी बार है जब उन्होंने किसी मुख्यमंत्री को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया. उन्होंने कहा कि राज्य बनने पर 15 महीनों की सरकार में दो मुख्यमंत्री, 2007 में फिर सत्ता में आने के बाद 5 सालों में तीन मुख्यमंत्री बने. अब एक बार फिर वही इतिहास दोहराया जा रहा है. 

बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शुक्रवार देर शाम गवर्नर बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya) को इस्तीफा सौंप दिया. 

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उत्तराखंड के इतिहास में वे सबसे कम यानी 115 दिन ही सीएम के पद पर रह पाए. तीरथ सिंह रावत से पहले साल 2002 में भगत सिंह कोश्यारी ने 123 दिन के लिए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी. पद से इस्तीफा देने के बाद रावत ने पीएम मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का शुक्रिया अदा किया. 

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