बता दें कि साजिद रशीदी ने कहा था कि, "इस्लाम कहता है कि एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होगी. इसे कुछ और बनाने के लिए नहीं तोड़ा जा सकता है. हम मानते हैं कि बाबरी मस्जिद थी और हमेशा एक मस्जिद रहेगी.
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नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर का संगे बुनियाद रखे जाने के बाद ना खुशगवार बयान बाज़ी में करने वाले ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद रशीदी और संभल से समाजवादी पार्टी के एमपी डॉ शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तौहीने अदालत के तहत कार्रवाई करने की मांग वाली अर्ज़ी मंगल के रोज़ दाखिल की गई है.
बता दें कि साजिद रशीदी ने कहा था कि, "इस्लाम कहता है कि एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होगी. इसे कुछ और बनाने के लिए नहीं तोड़ा जा सकता है. हम मानते हैं कि बाबरी मस्जिद थी और हमेशा एक मस्जिद रहेगी. रशीदी ने आगे कहा कि मंदिर को गिराने के बाद मस्जिद की तामीर नहीं की गई थी लेकिन अब मस्जिद बनाने के लिए हो सकता है मंदिर को तोड़ा जाए."
इसके अलावा समाजवादी पार्टी के एमपी और बाबरी मस्जिद कमेटी के कनवीनर रहे शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था कि मुल्क का मुसलमान मोदी और योगी के रहमो-करम पर नहीं है, मुल्क का मुसलमान अल्लाह के भरोसे पर ज़िंदा है. मुसलमान मायूस न हों. बर्क ने अपने बयान में यह भी कहा कि बीजेपी हुकूमत ने मुल्क के लिए दी गई मुसलमानों की कुर्बानी को भुला दिया है. उन्होंने आगे कहा था कि बीजेपी और आरएसएस ने अपनी ताकत के दम पर अदालत से अपने हक में फैसला कराकर मंदिर का संगे बुनियाद रखकर जम्हूरियत और सेक्युलीरिज्म का क़त्ल किया है.
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