WHO चीफ ने तरक्कीयाफ्ता मुल्कों को सलाह देते हुए कहा,"ऐसे मुल्कों से जहां तेज़ी से विकास हो रहा है, जहां पाबंदियों को ढीला कर रहे हैं और अब मामले बढ़ने लगे हैं.
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जिनेवा: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने एशिया जज़ीरे की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी (Dharavi) में कोरोना वायरस के असर को कम करने की कोशिशों की जमकर तारीफ की है. WHO ने धारावी मिसाल देते हुए कहा है कि कौमी और आलमी यकजेहती के साथ जारहाना कार्रवाई से महामारी को रोका जा सकता है.
WHO के चीफ टेड्रोस एडहानोम गेब्रेयेसुस ने कहा कि दुनिया भर के कई मिसाल हैं जिन्होंने दिखाया है कि भले ही कोरोना का असर कितना भी खतरनाक हो, फिर भी इसे कंट्रोल में लाया जा सकता है. उन्होंने इटली, स्पेन और जनूबी कोरिया, यहां तक कि धारावी (मुंबई महानगर में एक बेहद घनी आबादी वाला इलाका) की मिसाल पेश करते हुए कहा कि तबकों को शामिल करने, टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेशन और उन सभी के इलाज से वायरस की चेन को तोड़ा जा सकता है.
WHO चीफ ने तरक्कीयाफ्ता मुल्कों को सलाह देते हुए कहा,"ऐसे मुल्कों से जहां तेज़ी से विकास हो रहा है, जहां पाबंदियों को ढीला कर रहे हैं और अब मामले बढ़ने लगे हैं. हमें कयादत, तबकाती हिस्सेदारी और इजतेमाई यकजहती की जरूरत है."
बता दें कि धारावी मॉडल की यह कामयाबी इसलिए भी चर्चा का मौज़ू है, क्योंकि महाराष्ट्र मुल्क में सबसे ज्यादा कोरोना मुतास्सिर सूबा है. बीएमसी के मुताबिक, मुंबई में कोरोना वायरस के मामलों की तादाद जुमा को 1,354 नए रोगियों के साथ बढ़कर 90,000 पहुंच गई है. जबकि अब तक 5,202 लोगों की वायरस से मौत हुई है. वहीं, धारावी में जुमा को 12 नए मामले आने के साथ ही कोरोना वायरस के कुल मामलों की तादाद बढ़कर 2,359 हो गई है. यहां अभी 166 मरीजों का इलाज चल रहा है और 1,952 को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है.
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