अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) की कई दीवारों पर लगे पर्चें में ये लिखा था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कल्याण सिंह हैं और उन्होंने प्रीम कोर्ट के आदेश की भी खिलाफवर्ज़ी की थी.
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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के साबिक वज़ीरे आल कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के इंतिकाल पर शोक जताए जाने पर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलपति को हालिया दिनों सख्त तंकीद का सामना है. एएमयू के कुलपति (AMU Vice Chancellor) तारिक मंसूर की निंदा करते हुए पूरे यूनिवर्सिटी कैंपस में पर्चे चिपकाए गए थे. इस पर्चों में लिखा गया था कि यूनिवर्सिटी इंतज़ामिया का साबिक वज़ीरे आला के इंतिकाल पर ताजीयत पेश करना मज़हबी जज़बात को भड़काना है और ये एएमयू की रिवायत और कल्चर के खिलाफ है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) की कई दीवारों पर लगे पर्चें में ये लिखा था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कल्याण सिंह हैं और उन्होंने प्रीम कोर्ट के आदेश की भी खिलाफवर्ज़ी की थी.
गौरतलब है कि इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने अपने फेसबुक (Facebook) पर एक पोस्ट शेयर की थी जिसमें उन्होंने साबिक वज़ीरे आल कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के लिए ताज़ीयत का इज़हार किया था. इससे के बाद से ही यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने अपने गुस्से का इज़हार करना शुरू कर दिया.
वहीं, यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने वाइस चांसलर तारिक मंसूर के खिलाफ पर्चे चिपकाने वाले मामले पर रद्देअमल का इज़हार करते हुए कहा है कि यह हरकत किसी शरारती तत्व द्वारा की गई है. क्यों कि कोरोना की वजह से इन दिनों यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स नहीं हैं. कैंपस पूरा खाली है.
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कालिबे ज़िक्र है कि यूपी के साबिक वज़ीरे आल कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का शनिवार को 89 साल की उम्र में इंतिकाल हो गया था. वह काफी सर्से बीमार चल रहे थे. उन्होंने लखनऊ के पीजीआई में अपनी आखिरी सांस ली. उनके इंतिकाल के बाद यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक रखा गया था.
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