अब स्थाई तौर पर खुलेगा निजामुद्दीन मरकज; हाईकोर्ट ने कहा मौलाना साद को सौंपें चाबी
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अब स्थाई तौर पर खुलेगा निजामुद्दीन मरकज; हाईकोर्ट ने कहा मौलाना साद को सौंपें चाबी

Nizamuddin Markaz reopens forever: दिल्ली पुलिस ने अदालत में दावा किया था कि मौलाना साद फरार हैं, वहीं मरकज की प्रबंध समिति ने दावा किया कि साद चाबी लेने के लिए एजेंसी के सामने पेश हो सकते हैं.

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया है कि उसे निजामुद्दीन मरकज की चाबी जमात नेता मौलाना साद को सौंपने में कोई ऐतराज नहीं है. दिल्ली पुलिस के वकील ने दलील दी है कि उसे इससे संबंधित दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए हैं कि निजामुद्दीन बंगलेवाली मस्जिद का असली मालिक कौन है? पुलिस ने कहा है कि वह सिर्फ उसी शख्स को चाबियां सौंप सकती है, जिससे उन्होंने कब्जा लिया था और वह मौलाना मुहम्मद साद हैं. पुलिस ने अदालत में दावा किया है कि साद फरार है, वहीं मरकज की प्रबंध समिति के एक सदस्य ने दावा किया कि वह मस्जिद परिसर में ही मौजूद हैं और चाबी लेने के लिए एजेंसी के सामने पेश हो सकते हैं.

आप चाबी अपने पास नहीं रख सकतेः हाईकोर्ट  
सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा, ‘‘पुलिस ने किस शख्स से कब्जा लिया है? आप उस शख्स को कब्जा वापस दें. मैं यहां जायादाद के मालिकाना हक को लेकर किसी मामले पर फैसला नहीं कर रहा हूं. आप पता लगाएं कि आपको क्या करना है, लेकिन चाबी सौंप दीजिये. आप इसे अपने पास नहीं रख सकते.’’ हाईकोर्ट दिल्ली वक्फ बोर्ड की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें निजामुद्दीन मरकज को फिर से खोलने का निर्देश देने की अपील की गई थी. 

मार्च 2020 में बंद कर दिया गया था मरकज
निजामुद्दीन मरकज में मस्जिद, मदरसा काशिफ-उल-उलूम और एक हॉस्टल शामिल है. जिसे महामारी की शुरुआत के बाद मार्च 2020 में बंद कर दिया गया था. मई में, हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पास किया था, जिसमें तबलीगी जमात प्रोग्राम के बाद बंद किए गए मरकज़ के कुछ हिस्सों को फिर से खोलने की इजाजत दी गई थी. केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में परिसर को पूरी तरह से फिर से खोलने का विरोध किया था. इस महीने की शुरुआत में, पुलिस ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को यह निर्देश देने के लिए एक अर्जी दायर की थी कि वह निजामुद्दीन बंगलेवाली मस्जिद के मालिकाना हक से संबंधित दस्तावेज पेश करे.

चाबी प्रबंध समिति को दे सकते हैं 
दिल्ली पुलिस और केंद्र की तरफ से पेश वकील रजत नायर ने दलील दी थी कि मूल मालिक संपत्ति का कब्जा लेने के लिए आगे नहीं आया है और दिल्ली वक्फ कानून के तहत, मुतवल्ली को आगे आना है, न कि दिल्ली वक्फ बोर्ड को, जो एक याचिकाकर्ता भर है. उन्होंने कहा कि अगर असली मालिक हाईकोर्ट के सामने है तो चाबी उसे वापस की जा सकती है, लेकिन वह यहां नहीं है. वहीं, याचिकाकर्ता बोर्ड की जानिब से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष ने कहा कि वक्फ की संपत्ति ईश्वर की है और वे सिर्फ इसके संरक्षक हैं. उन्होंने कहा कि वे चाबी प्रबंध समिति को दे सकते हैं. 

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