शकूर बस्ती में रहने वाले विजय कुमार ने 30 जून को अपने बैंक खाते से एक लाख रुपये निकाला था और जब वह उत्तर प्रदेश के खुर्जा में वाके अपने आबाई घर जा रहे थे तभी स्टेशन पर बैग भूल गए थे.
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नई दिल्लीः एक आम इंसान की नजर में पुलिस की छवि अच्छी नहीं होती है, लेकिन कभी-कभी पुलिस के जवान अपनी ईमानदारी, मेहनत, हिम्मत और सेवा की ऐसी मिसाल पेश कर देते हैं कि अवाम को अपने पूर्वाग्रह को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ जाता है. दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने ऐसी ही ईमानदारी की मिसाल पेश की है, जिससे लोग उसकी तारीफ कर रहे हैं. दरअसल, उत्तर-पश्चिम दिल्ली के शकूर बस्ती में रहने वाले विजय कुमार ने 30 जून को अपने बैंक खाते से एक लाख रुपये निकाला था. इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के खुर्जा में वाके अपने आबाई घर जाने के लिए शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, वहीं जल्दबाजी में उनका पैसे वाला बैग स्टेशन पर छूट गया था. पुलिस उपायुक्त (रेलवे) हरेंद्र कुमार सिंह ने इस वाकये को दिल्ली पुलिस के आॅफिशियल ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है.
Const. Narender of PS. New Delhi Rly Stn has been a saviour for Vijay(a labour) who left behind a bag while boarding train at Shivaji Bridge Stn having Rs.1 lac withdrawn from bank to construct house in his village at Khurja. Keeping the flag of DP high. @CPDelhi @DelhiPolice pic.twitter.com/VT0hqegc0S
— DCP RAILWAYS DELHI (@DCPDelhiRailway) July 4, 2021
सिपाही को मिला लावारिस बैग
विजय कुमार खुर्जा जाने के लिए अपने अपने साथ दो बारी अनाज भी लेकर आए थे. स्टेशन पर जब उनकी ट्रेन बरेली-नई दिल्ली इंटरसिटी एक्सप्रेस पहुंची तो विजय कुमार ने राशन ने अनाज की दोनों बोरी ट्रेन में चढ़ा दी और जल्दबाजी में वह प्लेटफॉर्म पर एक लाख रुपये से भरा हुआ बैग बेंच पर ही भूल गए. रेलवे स्टेशन पर डयूटी पर तैनात सिपाही नरेन्द्र कुमार की जब उस लावारिस बैग पर नजर पड़ी तो उन्होंने उसे उटाकर अपने पास रख लिया. नरेन्द्र ने वहां मौजूद कुछ मुसाफिरों से बैग के बारे में पूछा, लेकिन उसके मालिक के बारे में पता नहीं चल पाया.
बैग के मालिक के इंतजार में बैठा रहा सिपाही
सिपाही नरेन्द्र ने जब बैग की तलाशी ली तो उसने देखा कि उसमें एक लाख रुपये नकद रखे थे. इसके अलावा उसमें कुछ रोटियां, पानी की बोतल, एक चेक बुक, बैंक की पासबुक, एक आधार कार्ड और राशन कार्ड भी था. सिपाही ने इस बैग की जानकारी तुरंत अपने आला अफसरान को दी. सिपाही ने लावारिस बैग के मालिक को तलाश करने की कोेशिश की लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया. सिपाही वहीं इस उम्मीद में बैठा रहा कि शायद बैग का मालिक इसकी तलाश करते हुए दोबारा स्टेशन पहुंचे.
शाम को बैग तलाशने पहुंचा था मुसाफिर
इस वाकये के कुछ घंटों के बाद शाम साढ़े छह बजे विजय कुमार शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन लौटा और प्लेटफॉर्म पर उसने मुसाफिरों से अपने बैग के बारे में पूछताछ की. सिपाही नरेंद्र वहीं उसका इंतजार कर रहा था. पुलिस वाले को जब तसल्ली हो गई कि बैग का असली मालिक विजय कुमार ही है तो पुलिस ने कुछ जरूरी कार्रवाई पूरी करने के बाद बैग विजय कुमार को बैग लौटा दिया.
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