जानकारी मिलने के बाद दिल्ली महिला आयोग (Delhi Women Commission) ने फौरन एक टीम बनाई जो दिल्ली पुलिस के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची. जहां सभी लड़कियों को रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 से छुड़ाया गया.
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नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग (Delhi Women Commission) ने सात लड़कियों को ह्यूमन ट्रेफिकिंग (Human Trafficking) से बचाया है इन लडकियों में से दो लड़कियां नाबालिग औक 5 लड़किया बालिग थी. आयोग इस मामले के मुताल्लिक 19 अक्टूबर 2021 एनजीओ शक्ति वाहिनी से जानकारी मिली थी, जिसमें बताया गया कि 5 लड़कियों को दुरंतो एक्सप्रेसवे से दिल्ली से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है.
जानकारी मिलने के बाद आयोग ने फौरन एक टीम बनाई जो दिल्ली पुलिस के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची. जहां सभी लड़कियों को रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 से छुड़ाया गया. जानकारी के मुताबिक बचाई गई लड़कियों की उम्र 15 साल, 17 साल, 19 साल, 20 साल है. आयोग के मुताबिक लड़कियों ने बताया कि उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक महिला और एक आदमी दिल्ली लेकर आये थे.
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साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें मदनपुर खादर गांव के एक कमरे में बंद करके रखा गया था. लेकिन उनमें में से एक लड़की अपने घर पर फोन करने में कामयाब हो गई और उसने इस घटना के बारे में अपने परिवार को बता दिया, जिसके बाद परिवार ने आरोपी महिला के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई. लेकिन आरोपियों को एफआईआर दर्ज होने की जानकारी मिल गई, इसलिए उन्होंने लड़कियों को दिल्ली से बाहर ले जाने का फैसला किया.
जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने उन्हें दिल्ली में बेचने की भी कोशिश की. एक लड़की ने आयोग को बताया कि उसके साथ एक व्यक्ति ने छेड़छाड़ की थी. 20 साल की एक दूसरी लड़की ने बताया कि वह 1 महीने से अधिक समय से दिल्ली में रह रही थी और उसने एक घर में मेड के तौर पर काम किया, जिसके लिए उसे सिर्फ़ 1000 रुपए मिलते थे.
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दिल्ली महिला आयोग ने लड़कियों की काउंसलिंग की और उनकी मेडिकल जांच कराई गई. इसके बाद उन्हें शेल्टर होम में रखा गया है. जबकि नाबालिग लड़कियों को 21 तारीख को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया, जहां उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंप दिया. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मौके से एक आरोपी संजू हलधर को गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा- हम अक्सर ह्यूमन ट्रैफिकिंग (Human Trafficking) के ऐसे कई मामले देखते हैं, जिसमें गरीब पृष्ठभूमि की लड़कियों को नौकरी दिलाने के बहाने मानव तस्करी का शिकार बना दिया जाता है। इसके बाद वे व्यावसायिक और यौन शोषण की शिकार होती हैं। स्वाती कहती हैं कि यह बहुत जरूरी है कि मानव तस्करी को पूरी तरह से रोका जाए और इसके लिए हमें मानव तस्करी विरोधी कानूनों को मजबूत बनाना होगा और सख्ती से लागू करना होगा। आरोपियों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
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