Olympics 2020: भारतीय मुक्केबाज पहले राउंड में 1-4 से पिछड़ गई, जिसमें पांच में से चार जज ने 10-9 के स्कोर से वालेंसिया के हक में फैसला किया.
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टोक्यो: छह बार की आलमी चैम्पियन एम सी मैरी कॉम (51 किग्रा) का दूसरा ओलंपिक मेडल जीतने का सपना गुरुवार को यहां टोक्यो खेलों के प्री क्वार्टरफाइनल में रियो ओलंपिक की कांस्य मेडसिस्ट इंग्रिट वालेंसिया से 2-3 से हारकर खत्म हो गया.
यह विडम्बना ही है कि मैरी कॉम तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद हार गई. भारत की महान मुक्केबाज मैरी कॉम के साथ अपने आखिरी ओलंपिक मुकाबले में ऐसा ही हुआ. मुकाबले के बाद 38 वर्षीय मैरी कॉम ने कहा, 'नहीं पता कि क्या हुआ, पहले दौर में मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे की हिकमेत अमली को भांपने की कोशिश कर रहे थे और इसके बाद मैंने दोनों राउंड जीते.'
भारतीय मुक्केबाज पहले राउंड में 1-4 से पिछड़ गई, जिसमें पांच में से चार जज ने 10-9 के स्कोर से वालेंसिया के पक्ष में फैसला किया. अगले दो राउंड में पांच में से तीन जजों ने मैरी कॉम के हक में फैसला किया लेकिन कुल स्कोर फिर भी वालेंसिया के हक में रहा.
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कई बार की एशियाई चैम्पियन और 2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम ने इस अहम मुकाबले में बहुत कोशिश की लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सकी जो 38 वर्षीय महान मुक्केबाज का आखिरी ओलंपिक मुकाबला होगा.
जब रैफरी ने मुकाबले के आखिर में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरी कॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी. जिस तरीके से वालेंसिया पहली घंटी बजने के बाद भागी थी, उससे लग रहा था कि यह मुकाबला कड़ा होने वाला है और ऐसा ही हुआ भी.
शुरू से ही दोनों मुक्केबाज एक दूसरे पर मुक्के जड़ रही थीं लेकिन वालेंसिया अपनी हरीफ के खिलाफ पिछली दो हार का बदला चुकता करने के लिए यकीन से भरी दिख रही थीं. मणिपुर की तजुर्बेकार मुक्केबाज मैरीकॉम ने दूसरे और तीसरे राउंड में दाहिने 'हुक' का बखूबी इस्तेमाल करके शानदार वापसी की. उन्होंने इस अहम मुकाबले के बावजूद खुद को आखिर तक जिस तरीके से ऊर्जावान बनाए रखा उसके लिए उनकी दाद देनी होगी.
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गौरतलब है कि मैरीकॉम की तरह 32 साल की वालेंसिया भी अपने मुल्क के लिए काफी अहम खिलाड़ी हैं. वह पहली महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने ओलंपिक खेलों में अपने मुल्क की नुमाइंदगी की और वह पहली महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने मुल्क के लिए ओलंपिक मेडल जीता.
(इनपुट- भाषा)
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